Delhi News: मानहानि केस में CM केजरीवाल ने SC से मांगी माफी, गेंद हमारे पाले में- बोले याचिकाकर्ता
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2129922

Delhi News: मानहानि केस में CM केजरीवाल ने SC से मांगी माफी, गेंद हमारे पाले में- बोले याचिकाकर्ता

Arvind kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्होंने 2018 में भाजपा आईटी सेल के संबंध में यूट्यूबर ध्रुव राठी द्वारा पोस्ट किए गए एक कथित अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट करके गलती की. जिसमें मुकदमा दायर करने वाले विकास पांडे ने कहा कि फिलहाल, गेंद हमारे पाले में है. 

Delhi News: मानहानि केस में CM केजरीवाल ने SC से मांगी माफी, गेंद हमारे पाले में- बोले याचिकाकर्ता

Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2018 में भाजपा आईटी सेल के संबंध में यूट्यूबर ध्रुव राठी द्वारा पोस्ट किए गए एक कथित अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से गलती करने की बात कही. 

कोर्ट की सुनवाई के बाद इस मामले में केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले विकास पांडे ने कहा कि फिलहाल, गेंद हमारे पाले में है, क्योंकि हमें 11 मार्च तक अदालत को सूचित करने के लिए कहा गया है कि केजरीवाल की माफी स्वीकार करने को हम तैयार हैं या नहीं. उन्‍होंने कहा कि हमें लगता है कि माफी इस शर्त पर स्वीकार की जा सकती है कि वह बाद में इसे रणनीतिक वापसी के रूप में पेश नहीं करेंगे. इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेज, जिसमें महत्वपूर्ण आदेश, दलीलें, 5 फरवरी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश आदि शामिल हैं, केजरीवाल द्वारा दायर एसएलपी में पाया जा सकता है, जिसे हम यहां संलग्न कर रहे हैं.

यह मामला यूट्यूबर ध्रुव राठी द्वारा बनाए गए एक वीडियो से संबंधित है, जिसमें पांडे के खिलाफ आरोप लगाए गए थे कि वह भाजपा के आईटी सेल के सदस्य थे और वित्तीय 'कदाचार' में शामिल थे. यह मामला पिछले कुछ साल से लंबित है. अलग से सिविल कार्यवाही भी चल रही है, जिसमें केजरीवाल और ध्रुव राठी को पक्षकार बनाया गया है.

आपराधिक मामले में निचली अदालत ने समन जारी किया था, जिसके बाद केजरीवाल ने राहत के लिए सत्र न्यायाधीश से संपर्क किया था, लेकिन एक तर्कसंगत आदेश के जरिये उन्‍होंने राहत देने से इनकार कर दिया. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया, जहां केजरीवाल ने धारा 482 के तहत इसे रद्द करने की याचिका दायर की.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में Article 370 की स्पेशल स्क्रीनिंग, CM से टैक्स फ्री करने की उठी मांग

याचिकाकर्ता पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह कहकर अदालत को गुमराह किया कि हमने ट्वीट के प्रवर्तक यानी ध्रुव राठी को छोड़कर सिर्फ उन्हें एक पक्ष बनाया था. पांडे ने कहा, यह गलत बयानी थी, क्योंकि इस बिंदु पर सत्र न्यायाधीश के समक्ष पहले ही स्थिति साफ हो चुकी थी. सच्चाई यह है कि हमने केजरीवाल के खिलाफ शिकायत को राउज एवेन्यू में विशेष न्यायालय में जाने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया, जो इस मामले की सुनवाई के लिए सशक्त एकमात्र अदालत थी, क्योंकि केजरीवाल एक संवैधानिक पदाधिकारी थे और अभी भी एक संवैधानिक पदाधिकारी हैं.

पांडे ने कहा कि फिर भी मुख्यमंत्री ने लगभग पांच वर्षों तक स्थगन आदेश का लाभ उठाया. आखिरकार, मामला जनवरी में सुनवाई के लिए आया, जब वकील, राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा पेश हुए. उच्च न्यायालय ने भी केजरीवाल की दोनों याचिकाएं खारिज कर दीं और 50 पन्नों के एक ऐतिहासिक फैसले में रद्द करने की याचिका खारिज कर दी.

सोमवार को यह मामला फिर से सुनवाई के लिए आया, जिसके दौरान केजरीवाल की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने घोर दोषी या माफी मांगने के अलावा उन दोनों दलीलों को दोहराया, जिन्हें उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया.

Trending news