Chhath Puja 2023: छठ के दूसरे दिन होता है खरना, जानें पूजा विधि और महत्व साथ ही रखें खास बात का ध्यान
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1965450

Chhath Puja 2023: छठ के दूसरे दिन होता है खरना, जानें पूजा विधि और महत्व साथ ही रखें खास बात का ध्यान

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है. यह बिहार पूर्वांचल के साथ दिल्ली में भी बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा के पर्व में उगते सूरज के साथ ढ़लते सूर्य देव की पूजा की जाती है.

Chhath Puja 2023: छठ के दूसरे दिन होता है खरना, जानें पूजा विधि और महत्व साथ ही रखें खास बात का ध्यान

Chhath Puja 2023 Date: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है. यह बिहार पूर्वांचल के साथ दिल्ली में भी बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा के पर्व में उगते सूरज के साथ ढ़लते सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस अवसर पर व्रत भी रखा जाता है, जिसकी अवधी कुल 36 घंटे की होती है. यह सबसे कठिन वर्तों में से एक माना जाता है. आइए आपको आज नहाय खाए से शुरू हुए इस पर्व के दूसरे दिन यानी कि खरना पर क्या करें, पूजा विधि और महत्व के बार में बताते है.

Chhath Puja 2023 Importance
कल से चार दिन तक मनाए जाने वाले छठ पूजा की शुरुआत हो गई है जो कि 20 नवंबर को समाप्त हो जाएगी.  छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा होती है, छठ का व्रत रखा जाता है. यह व्रत संतान और सुहाग की लंबी, घर में सुख-समृद्धि व उन्नति के लिए रखा जाता है.

Chhath Puja 2023 Schedule
1. नहाय खाय
2. खरना पूजा
3. संध्याकालीन या अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य
4. उषा अर्घ्य या उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देना

ये भी पढ़ें: Chhath Puja के दिन दिल्ली में ड्राई-डे घोषित, वर्ल्ड कप फाइनल पर बंद रहेंगे ठेके

ये भी पढ़ें: 22 या 23 नवंबर कब है Dev Uthani ekadashi, जानें पूजा मुहूर्त और और व्रत का महत्व

Chhath Puja 2023 2nd Day Kharna
छठ के दूसरे दिन को खरना कहत हैं. इस दिन छठ का व्रत रखने वाले पूरे दिन व्रत रखते हैं और शाम को गुड़ की खीर बनाकर व्रत तोड़ते हैं. खीर खाने के बाद फिर व्रती कुछ नहीं खाते और इसी के साथ इनका निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. 

खरना के दिन जरूर रखे इन बातों का ध्यान (Kharna Niyam)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
- पूजा करके व्रत का संकल्प लें.
- शाम को गुड़ की खीर बनाएं.
- गुड़ की खीर को रसीयाव कहा जाता है, जिसे सुर्य देव को अर्पित करें और साथ ही पूड़ी और मिठाई का भोग जरूर लगाएं.
- व्रत न रखने वाले सात्विक भोजन ही खाएं.