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Hepatitis Treatment: वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के मौके पर दिल्ली एम्स अस्पताल में सोमवार को कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें हेपेटाइटिस बीमारी के कारण और उसके रोकथाम के लिए होने वाले इलाज के बारे में अस्पताल के सीनियर डॉक्टर्स ने जानकारी दी. कॉन्फ्रेंस के बाद एम्स अस्पताल में हेपेटाइटिस बीमारी को लेकर पब्लिक लेक्चर का आयोजन भी किया गया, जिसमें डॉक्टरों ने लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरूक किया.
हेपेटाइटिस बीमारी के मुख्य कारण (Hepatitis Causes)
अस्पताल के सीनियर डॉक्टर ने बताया कि हेपेटाइटिस-बी बीमारी को जागरूकता से काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. डॉक्टरों ने बताया कि भारत में हेपेटाइटिस बीमारी के मुख्य कारण, ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में एक इंजेक्शन से कई लोगों को इंजेक्शन देने के कारण हेपेटाइटिस की समस्या लोगों में होने लगती है. साथ ही साथ गर्भवती महिला को अगर हेपेटाइटिस की बीमारी के लक्षण है तो यह बीमारी जन्म से उसके बच्चे में भी चली जाती है. हेपेटाइटिस बीमारी का मुख्य कारण गंदा पानी, शराब का सेवन और गलत खनापान भी है.
हेपेटाइटिस के लक्षण (Hepatitis Symptoms)
इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति अगर जिसने ऑपरेशन करवाया हो और उस दौरान उसे ब्लड चढ़ा हो. ऐसे लोगों में भी हेपेटाइटिस के बीमारी की संभावना रहती है. इस बीमारी को देखते हुए डॉक्टरों ने यह मैसेज दिया कि हेपेटाइटिस बीमारी का लक्षण लोगों को तब पता लगता है जब लिवर काफी हद तक खराब हो जाता है. हालांकि शरीर में हेपेटाइटिस की समस्या को शुरुआती जांच में भी पहचाना जा सकता है और बेहद आसान तरीके से उसका इलाज आज के समय में संभव है.
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एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि ज्यादातर उनके पास ऐसे लोग आते हैं, जिन्हें यह पता भी नहीं होता कि उन्हें हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी हो गई है. अमूमन लोग जॉन्डिस की समस्या होने के बाद अस्पताल में आते हैं और कई मरीजों के लिए तब तक काफी लेट हो गया होता है. डॉक्टर ने सार्वजनिक तौर पर यह मैसेज दिया कि हेपेटाइटिस की जांच लगभग सभी को करवानी चाहिए. बच्चे, युवा, जवान, महिला एवं पुरुष किसी को भी यह बीमारी हो सकती है.
हेपेटाइटिस बी और सी बेहद गंभीर (Hepatitis B and C)
हेपेटाइटिस बी और सी बेहद गंभीर बीमारी है. इससे अगर वक्त रहते ठीक नहीं किया गया तो आगे चलकर लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ जाती है. इस कांफ्रेंस के माध्यम से डॉक्टर का यही मैसेज था कि हेपेटाइटिस बी और सी जैसी गंभीर बीमारियों को भी वक्त रहते अगर पहचान लिया जाए तो इसका इलाज बेहद आसान है और लोग इसे करवा सकते हैं. डॉक्टर ने इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी को लेकर के तमाम विभागों द्वारा बीते कई सालों से जागरूकता फैलाई जा रही है, जिसका फायदा हुआ है कि हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या का जो प्रतिशत बीते सालों में रहा है. उसमें थोड़ा सुधार आया है.
कैसे हेपेटाइटिस की बीमारी पर काबू पाया जा सकता है ( How to control Hepatitis Disease)
साफ है आमतौर पर लाइफ स्टाइल को ठीक करके लोग इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं. अमूमन स्वच्छ खान पान और संक्रमण से दूरी भी इस बीमारी से लोगों को बचा सकती है. बरहाल डॉक्टरों के इस कांफ्रेंस का उद्देश्य भी यही था कि हेपेटाइटिस जैसे गंभीर बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना ताकि इस बीमारी से जितना कम से कम हो सके लोग ग्रसित हो और जागरूक रहे.
Input: मुकेश सिंह