Delhi Assembly Election Candidates 2025: तिमारपुर में भाजपा से आए सुरेंद्र सिंह बिट्टू को टिकट दिया गया, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका समर्थन करने से मना कर दिया. वहीं शाहदरा में रामनिवास गोयल के समर्थक भी पार्टी के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह शंटी के साथ नहीं जुड़ सके.
Trending Photos
Delhi Vidhansabha Chunav 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए हालात कुछ जटिल हो गए हैं, क्योंकि पार्टी ने अपने विधायकों के टिकट काटकर नए प्रत्याशी उतारे थे. अब उन्हीं सीटों पर आप के प्रत्याशियों को अपनी पार्टी के नाराज विधायकों और उनके समर्थकों से जूझना पड़ रहा है. इससे पार्टी की स्थिति और भी कठिन हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, AAP ने इस बार 20 से ज्यादा विधायकों के टिकट काटे थे, जिनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक भी शामिल थे. तिमारपुर से दिलीप पांडेय और शाहदरा से रामनिवास गोयल जैसे प्रमुख नाम थे, जिनकी जगह नए प्रत्याशी उतारे गए थे. इन नेताओं की टिकट कटने से पहले की तैयारी और चुनाव प्रचार में उनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण थी. पार्टी ने इन नेताओं के खिलाफ टिकट काटने से पहले एक पत्र सार्वजनिक किया था, जिसमें इन नेताओं ने खुद को चुनाव से बाहर कर लिया था. हालांकि, टिकट कटने के बाद इन दोनों ही नेताओं ने किसी नए प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं किया, जिससे उनकी क्षेत्रीय पार्टी में स्थिति और भी जटिल हो गई.
तिमारपुर में भाजपा से आए सुरेंद्र सिंह बिट्टू को टिकट दिया गया, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका समर्थन करने से मना कर दिया. वहीं शाहदरा में रामनिवास गोयल के समर्थक भी पार्टी के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह शंटी के साथ जुड़ने में विफल रहे. इन दो सीटों के अलावा अन्य सीटों पर भी ऐसे ही हालात थे. पालम, कस्तूरबा नगर, महरौली, देवली और मुस्तफाबाद जैसी सीटों पर भी पार्टी के प्रत्याशियों को अपने ही विधायकों द्वारा किए गए नुकसान का सामना करना पड़ा. इन सीटों पर जिन विधायकों के टिकट काटे गए थे, उनमें से कई अब भाजपा में शामिल हो गए हैं.
इतिहास गवाह है कि चुनावी परिदृश्य में टिकट वितरण का निर्णय पार्टी की सफलता या विफलता की दिशा तय करता है. अब यह देखना होगा कि 8 फरवरी को चुनाव परिणाम क्या होते हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में पार्टी को केवल भाजपा और कांग्रेस से ही नहीं, बल्कि अपने ही अंदर की नाराजगी और बगावत से भी मुकाबला करना पड़ा है.
ये भी पढ़िए- Delhi Election 2025 : 2025 में AAP का खेल खत्म या BJP की नई शुरुआत? पढ़ें खास खबर