Delhi Assembly Elections 2025: एस जयशंकर ने कहा कि पिछले 10 सालों में दिल्ली की हालत बिगड़ गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के अधिकारों को नजरअंदाज कर रही है, जिससे लोगों को बिजली, पानी और जरूरी सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है. अगर सरकार बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं कर पा रही है, तो 5 फरवरी को जनता को इसे बदलने पर सोचना चाहिए.
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Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है. इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने दिल्ली की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि जब भी वे विदेश जाते हैं, तो राष्ट्रीय राजधानी में बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है.
विदेश मंत्री ने क्यों जताई चिंता?
एस जयशंकर ने दिल्ली में दक्षिण भारतीय समुदाय के लोगों के बीच एक संवाद कार्यक्रम के दौरान कहा कि दिल्ली में रहने वाले नागरिकों को साफ पानी, बिजली, गैस सिलेंडर, स्वास्थ्य सेवाओं और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने सीधे तौर पर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते 10 वर्षों में राजधानी को विकास की दौड़ में पीछे छोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब भी मैं विदेश जाता हूं, तो यह कहने में शर्म आती है कि देश की राजधानी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. यहां के लोगों को रहने के लिए पर्याप्त घर, पाइप से पानी, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. जयशंकर ने दिल्ली के लोगों से अपील की कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में बदलाव लाने के लिए मतदान करें.
दिल्ली को क्या नुकसान हुआ?
एस जयशंकर ने कहा कि बीते 10 सालों में दिल्ली को बुरी तरह से प्रभावित किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के अधिकारों की अनदेखी कर रही है, जिससे आम नागरिकों को बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. अगर सरकार लोगों के बुनियादी अधिकारों को देने में सक्षम नहीं है, तो 5 फरवरी को जनता को इस सरकार को बदलने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को होना है. इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार पिछले एक दशक से सत्ता में होने के बावजूद दिल्ली की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में विफल रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी खुद को विकास की पार्टी बताकर जनता से समर्थन मांग रही है. कांग्रेस भी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंक रही है. अब देखना होगा कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और क्या इस बार दिल्ली की सत्ता परिवर्तन देखने को मिलेगी या फिर केजरीवाल सरकार एक बार फिर से सत्ता में वापसी करेगी.
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