Delhi Election 2025 : मुस्लिम बहुल इलाकों में मतदान का रुझान, किसने दिखाया चुनाव में जोश, कौन रहा सुस्त?
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Delhi Election 2025 : मुस्लिम बहुल इलाकों में मतदान का रुझान, किसने दिखाया चुनाव में जोश, कौन रहा सुस्त?

Delhi Election Results 2025: मुस्लिम बहुल और पूर्वी दिल्ली के इलाकों में लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान किया, लेकिन दक्षिणी और मध्य दिल्ली के शहरी इलाकों में वोटिंग कम रही. महरौली में सबसे कम 53% मतदान हुआ, जबकि मॉडल टाउन में 53.4%, मालवीय नगर में 54%, कस्तूरबा नगर में 54.1%, और ग्रेटर कैलाश में 54.5% वोटिंग हुई.

 

 Delhi Election 2025 : मुस्लिम बहुल इलाकों में मतदान का रुझान, किसने दिखाया चुनाव में जोश, कौन रहा सुस्त?

Delhi Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मतदान का दौर पूरा हो चुका है और अब मतगणना से पहले मतदान प्रतिशत को लेकर चर्चाएं तेज हैं. खासतौर पर मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटिंग प्रतिशत को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें टिकी थीं, क्योंकि ये क्षेत्र हमेशा से उच्च मतदान दर के लिए जाने जाते हैं. इस बार भी कुछ क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ, जबकि कुछ स्थानों पर अपेक्षा से कम वोटिंग देखने को मिली.

मुस्लिम बहुल सीटों पर रहा दमदार मतदान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. मुस्‍तफाबाद में सबसे अधिक 69% वोटिंग हुई, जबकि सीलमपुर ने 68.7% मतदान के साथ दूसरा स्थान हासिल किया. वहीं, गोकलपुर में 68.3% और बाबरपुर में 66% वोटिंग दर्ज की गई. यह संकेत देता है कि इन क्षेत्रों में राजनीतिक जागरूकता बनी रही और मतदाताओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पूरी सक्रियता दिखाई. विशेषज्ञों का मानना है कि इन क्षेत्रों में मतदाताओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति का कारण स्थानीय मुद्दों की गंभीरता और राजनीतिक दलों द्वारा किए गए जोरदार प्रचार अभियान रहे. AAP, भाजपा और कांग्रेस सभी दलों ने इन सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. पिछले चुनावों में भी यह क्षेत्र मतदान के मामले में सबसे आगे रहे थे और इस बार भी यहां के मतदाता अपने राजनीतिक फैसले को लेकर पूरी तरह स्पष्ट नजर आए.

शहरी इलाकों में क्यों घटी वोटिंग?
मुस्लिम बहुल और पूर्वी दिल्ली के इलाकों में जोश देखने को मिला, वहीं दक्षिणी और मध्य दिल्ली के शहरी विधानसभा क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम वोटिंग दर्ज की गई. महरौली विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 53% मतदान हुआ, जबकि मॉडल टाउन में 53.4%, मालवीय नगर में 54%, कस्तूरबा नगर में 54.1%, और ग्रेटर कैलाश में 54.5% वोटिंग हुई. विशेषज्ञों का मानना है कि इन शहरी क्षेत्रों में रहने वाले मतदाता मतदान के प्रति कम उत्साहित दिखे, जिसकी एक बड़ी वजह शहरी व्यस्तता और चुनावों को लेकर उदासीनता मानी जा रही है. चुनाव आयोग ने पहले ही आशंका जताई थी कि उच्च मध्यम वर्गीय क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम रह सकता है, क्योंकि लोग वीकेंड के दौरान छुट्टी पर जाने को प्राथमिकता देते हैं.

राजनीतिक दलों के लिए क्या संकेत?
इस बार के मतदान रुझान से यह स्पष्ट है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह रहा, लेकिन शहरी सीटों पर ठंडा रुख राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय हो सकता है. AAP, भाजपा और कांग्रेस ने मतदाताओं को लुभाने के लिए कई तरह के अभियान चलाए थे, लेकिन फिर भी कुछ इलाकों में मतदान का प्रतिशत गिरा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन मतदान रुझानों का चुनाव परिणामों पर कैसा प्रभाव पड़ता है. क्या मुस्लिम बहुल इलाकों में रिकॉर्ड मतदान किसी एक दल के पक्ष में जाएगा या वोटों का बंटवारा देखने को मिलेगा? यह 8 फरवरी को मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगा.

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