Delhi Assembly Election 2025: आठ फरवरी को चुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते हैं, तो पार्टी कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है. पिछले साल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाया था. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या दिल्ली में भी ऐसा ही होगा.
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Delhi Election Result 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल नतीजों ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है. करीब दो दशक बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राजधानी में सत्ता में वापसी करती दिख रही है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर रहस्य बरकरार है. पार्टी ने अभी तक किसी भी नेता को सीएम चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया है, जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. सवाल यह उठ रहा है कि अगर बीजेपी सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी?
बीजेपी क्यों नहीं कर रही नाम का ऐलान?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीजेपी का रणनीतिक रुख साफ दिख रहा है, चुनाव से पहले सीएम पद को लेकर कोई भी स्पष्ट घोषणा नहीं की गई. पार्टी का कहना है कि अंतिम फैसला चुनावी नतीजों के बाद ही लिया जाएगा. जानकारों का मानना है कि यह रणनीति बीजेपी को कई मोर्चों पर फायदा पहुंचा सकती है. पहला, पार्टी गुटबाजी से बचना चाहती है और दूसरा, वह हाईकमान को अंतिम निर्णय लेने का पूरा अधिकार देना चाहती है, जैसा कि अन्य राज्यों में देखा गया था.
क्या प्रवेश वर्मा बन सकते हैं सीएम?
दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में प्रवेश वर्मा का नाम जोर-शोर से चर्चा में है. आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव से पहले ही दावा किया था कि बीजेपी उन्हें सीएम बना सकती है. हालांकि, खुद प्रवेश वर्मा ने इस सवाल से किनारा कर लिया और इसे पार्टी का निर्णय बताया.
क्या रमेश बिधूड़ी को भी मिल सकता है मौका?
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कालकाजी से उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी का नाम भी चर्चा में है, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की किसी भी संभावना को नकारते हुए कहा कि वे सिर्फ जनता की सेवा के लिए काम कर रहे हैं. उनके इस बयान के बाद अटकलें और तेज हो गई हैं कि बीजेपी दिल्ली में किसी अन्य नेता को सीएम बना सकती है.
क्या बीजेपी फिर लेगी चौंकाने वाला फैसला?
अगर आठ फरवरी को चुनावी नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते हैं, तो पार्टी चौंकाने वाला फैसला ले सकती है. पिछले साल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने बिल्कुल नए चेहरे मुख्यमंत्री के रूप में पेश किए थे. क्या दिल्ली में भी ऐसा ही होगा? पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस बार भी किसी युवा या अप्रत्याशित नेता को मौका दे सकती है, जिससे पार्टी को दीर्घकालिक रणनीतिक बढ़त मिले.
नए चेहरे की अटकलें तेज
बीजेपी का यह ट्रेंड रहा है कि वह गैर-परंपरागत चेहरों को भी मुख्यमंत्री बना सकती है. दिल्ली में मनोज तिवारी, विजय गोयल, हर्षवर्धन और सतीश उपाध्याय जैसे नेताओं के नाम भी अटकलों में हैं. कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि पार्टी महिला नेतृत्व को आगे बढ़ाते हुए किसी महिला नेता को सीएम बना सकती है.
जनता के फैसले का इंतजार
अब सभी की नजरें आठ फरवरी को आने वाले चुनावी नतीजों पर टिकी हैं. अगर बीजेपी जीतती है, तो उसका मुख्यमंत्री कौन होगा, यह सवाल अगले कुछ दिनों तक दिल्ली की राजनीति का सबसे बड़ा मुद्दा बना रहेगा.
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