मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया पर्दाफाश, नेपाल बॉर्डर पर भरी कीमतों में बेचता था मोबाइल
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मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया पर्दाफाश, नेपाल बॉर्डर पर भरी कीमतों में बेचता था मोबाइल

पुलिस के मुताबिक PIA थाना क्षेत्र में लगातार मोबाइल चोरी की घटना सामने आ रही थी. पुलिस ने जांच शुरू की तो पुलिस मुखबिर ने सूचना दी कि मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला गिरोह का सरगना कबातुल्लाह है.

मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया पर्दाफाश, नेपाल बॉर्डर पर भरी कीमतों में बेचता था मोबाइल

Delhi: पूर्वी जिले के पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया थाना इलाके में लगातार हो रही मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. आरोपी पिछले एक साल से लगातार मोबाइल चोरी को अंजाम दे रहा था. वह यूपी, बिहार और नेपाल बॉर्डर पर भरी कीमतों में मोबाइल को बेचा दिया करता था.

पुलिस के मुताबिक PIA थाना क्षेत्र में लगातार मोबाइल चोरी की घटना सामने आ रही थी. पुलिस ने जांच शुरू की तो पुलिस मुखबिर ने सूचना दी कि मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला गिरोह का सरगना कबातुल्लाह है. जो सैकडों मोबाइल चोरी के बाद मोबाइल की खेप यूपी और नेपाल में पहुचाता है. पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के आधार पर काबातुल्ला और ईशोब को गिरफ्तार कर लिया है.

एडिशनल सी पी पूर्वी रेंज सागर सिंह कल्सी ने बताया की पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि, मंगलवार को आरोपी मोबाइल की खेप लेकर ई डी एम मॉल के पास आने वाला है. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपियों को दबोच लिया. आरोपियों के पास से चोरी के 35 मोबाइल भी बरामद किए है, जिन्हे वह नेपाल जाकर बेचने वाला था.

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आरोपी मोबाइल में डिजिटल मनी ऐप के पासवर्ड बदल कर पैसा भी ट्रांसफर करता था. अभी तक 45000 रुपए ट्रांसफर कर पीड़ित मोबाइल से उड़ा चुका था. वहीं पिछले 2 साल से वह मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा था, जिसकी गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है. फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है की काबातुल्ला और ईशोब के साथ गिरोह में और कितने शक्श शामिल थे और कितनी वारदात को ये गिरोह अभी तक अंजाम दे चुका है.

पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने गाज़ीपुर गांव, गाज़ीपुर फूल मंडी, मछली मंडी और दिल्ली और यूपी के विभिन्न स्थानों में कई चोरियां की हैं. वे चोरी किए गए इन फोनों को भारत और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में बेचते थे ताकि, उन्हें चोरी किए गए मोबाइल फोन के लिए अधिक पैसे मिल सकें. क्योंकि इन हैंडसेटों के आईएमईआई का नेपाल में पता नहीं लगाया जा सकता है.
Input: Rajkumar Bhati 

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