New Delhi Railway Station Stampede: भीड़ प्रबंधन में चूक ने ली कई जानें, मृतकों के परिजनों को सरकार देगी 10 लाख रुपये
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New Delhi Railway Station Stampede: भीड़ प्रबंधन में चूक ने ली कई जानें, मृतकों के परिजनों को सरकार देगी 10 लाख रुपये

Government Announces Financial Help: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे में मृतकों के परिवार को सरकार की तरफ से 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. गंभीर रूप से घायल लोगों को ढाई लाख रुपये और हल्की चोट वालों को एक लाख रुपये की मदद मिलेगी.

New Delhi Railway Station Stampede: भीड़ प्रबंधन में चूक ने ली कई जानें, मृतकों के परिजनों को सरकार देगी 10 लाख रुपये

Stampede Victims Will Get Financial Help: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात अफरातफरी का माहौल छा गया. महाकुंभ के लिए जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए हजारों लोग प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर जमा हो गए थे. हर कोई जल्द से जल्द ट्रेन में सवार होना चाहता था. तभी अचानक किसी ने अफवाह फैलाई कि यह कुंभ जाने वाली आखिरी ट्रेन है. यह सुनते ही भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. इस हादसे में मृतकों के परिजनों को सरकार 10 लाख देगी. 

सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
इस दर्दनाक हादसे के बाद सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. साथ ही, घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है.

भयावह मंजर और अफरातफरी
हादसे के बाद स्टेशन पर जूते-चप्पल और टूटे हुए सामान बिखरे पड़े थे. मदद के लिए आई एंबुलेंस की आवाजें गूंज रही थीं. कई घायल लोग दर्द से तड़प रहे थे. चश्मदीदों ने बताया कि भीड़ इतनी ज्यादा थी कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था. कुछ लोग बच्चों और बुजुर्गों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन भगदड़ में कई लोग कुचल गए. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे. घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टर्स ने कई लोगों की हालत गंभीर बताई. हादसे के बाद स्टेशन पर अफरा-तफरी और दहशत का माहौल रहा। कई यात्री अपने लापता परिजनों को खोजते दिखे.

कब रुकेगा हादसों का सिलसिला?
यह हादसा एक बार फिर भीड़ प्रबंधन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करता है. हर बार हादसों के बाद मुआवजा और जांच की घोषणाएं होती हैं, लेकिन भीड़ नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते. क्या इस हादसे से प्रशासन सबक लेगा? क्या आने वाले आयोजनों में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी. इस हादसे ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं और एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर कब थमेगा ऐसे हादसों का सिलसिला.

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