योगी सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 2 एमआरओ हब बनाने की मंजूरी दे दी है. इसके बाद विमानों को मेंटीनेंस, रिपयरिंग और ओवरहालिंग के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.
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प्रणव भारद्वाज/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक नहीं बल्कि 2 मेंटीनेंस, रिपयरिंग और ओवरहालिंग (MRO) हब बनाए जाएंगे. आज यानी बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने इस बात की जानकारी दी है. जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास देश का सबसे बड़ा एमआरओ हब बनाया जा रहा है. इसके अलावा दूसरे चरण में 1365 भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. उसमें भी एक एमआरओ हब बनाया जाएगा.
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अभी तक देश के बड़े विमान और एयरक्राफ्ट मरम्मत के लिए सिंगापुर और कोलंबो जैसे देश में जाया करते थे, लेकिन गौतमबुद्ध नगर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 2 एमआरओ हब बनने के बाद देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. यहां पर केवल भारत के ही नहीं बल्कि विदेशी विमानों की भी मरम्मत होगी.
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योगी सरकार ने मंगलवार को वायुयानों का मेंटीनेंस, रिपयरिंग और ओवरहालिंग की नीति को मंजूरी दे दी. इसका सबसे ज्यादा फायदा गौमतबुद्ध नगर जिले को मिलेगा. विमानों के रखरखाव में अभी दूसरे देशों पर निर्भरता है. देश में हैदराबाद और बेंगलुरु आदि शहरों में विमानों का रखरखाव होता है, लेकिन यह काम बहुत छोटे स्तर पर होता है. अभी तक अधिकतर भारतीय विमानों का मेंटीनेंस सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में होता है, लेकिन जेवर में हवाई अड्डा शुरू होने के साथ ही एमआरओ के मामले में भी आत्मनिर्भरता आ जाएगी.
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