New Delhi Railway Stampede: दिल्ली के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन की विफलता और सुरक्षा उपायों की कमी के कारण यात्रियों की जान जोखिम में पड़ती है. भविष्य में रेलवे को ठोस और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
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New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत और 25 से अधिक लोग घायल हो गए. यह हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर उस समय हुआ, जब महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए भारी भीड़ जमा थी. अचानक प्लेटफॉर्म परिवर्तन की गलत घोषणा से यात्रियों में अफरातफरी मच गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई.
दिल्ली के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन की चुनौतियां
दिल्ली में चार प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आनंद विहार, और हजरत निजामुद्दीन है. इन स्टेशनों पर प्रतिदिन लाखों यात्री आते-जाते हैं, विशेषकर त्योहारों दीवाली, छठ और विशेष आयोजनों के दौरान भीड़ का दबाव और बढ़ जाता है. हालांकि, भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त और प्रभावी उपायों की कमी के कारण ऐसे हादसे होते हैं. संबंधित विभाग अगर समय रहते सभी कमियों को पूरा कर लेता तो शायद कर रात जैसा हादसा ना होता. प्रशासन को इस हादसे की तरफ ध्यान देना चाहिए और जो भी कमियां है उसमें सुधार करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी गलती ना हो सके.
रेलवे की भविष्य की योजनाएं
महाकुंभ 2025 के मद्देनजर, रेलवे ने भीड़ प्रबंधन के लिए कुछ विशेष योजनाएं बनाई हैं. प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर एकल दिशा योजना लागू की गई है, जिसमें प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं. तीर्थयात्रियों के लिए कलर-कोडेड आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है, जहां अस्थायी टिकट काउंटर, शौचालय और विश्राम की सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसके अलावा, अनारक्षित टिकटों की बुकिंग अब 15 दिन पहले से की जा सकती है, जिससे यात्रियों को यात्रा की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी. प्रयागराज रेलवे स्टेशन की तरह ही दिल्ली के अन्य स्टेशनों पर ऐसी ही व्यवस्था होनी चाहिए है. जाति भगदड़ जैसे हालात ना बने.
पिछले हादसों का विश्लेषण
16 फरवरी 2025 से पहले भारतीय रेलवे स्टेशनों पर कई भगदड़ की घटनाएं हो चुकी हैं. 2013 में प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ के दौरान भगदड़ में 36 लोगों की मौत हुई थी. इस घटना के बाद भी भीड़ प्रबंधन में सुधार के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए, जिससे वर्तमान में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई त्रासदी जैसी घटनाएं सामने आती हैं.
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