दिल्ली में CM पद की रेस में रविंद्र इंद्रराज का नाम आगे, BJP की रणनीति पर सबकी नजर
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दिल्ली में CM पद की रेस में रविंद्र इंद्रराज का नाम आगे, BJP की रणनीति पर सबकी नजर

Ravinder Indraj Singh Bawana: रविंद्र इंद्रराज सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो यह भाजपा की बड़ी राजनीतिक चाल मानी जाएगी. इससे दलित और ग्रामीण समुदाय में पार्टी की पकड़ मजबूत होगी. साथ ही, लोकसभा चुनाव से पहले यह विपक्ष को बड़ा जवाब साबित हो सकता है.

 

दिल्ली में CM पद की रेस में रविंद्र इंद्रराज का नाम आगे, BJP की रणनीति पर सबकी नजर

Ravinder Indraj Singh: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ऐतिहासिक जीत के बाद अब सबकी नजर नए मुख्यमंत्री के नाम पर टिकी है. पार्टी ने 26 साल बाद आम आदमी पार्टी (आप) को मात देकर 48 सीटों पर जीत दर्ज की है. लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि दिल्ली की कमान किसे सौंपी जाएगी. इसी बीच चर्चा तेज है कि भाजपा दलित नेता रविंद्र इंद्रराज सिंह को मुख्यमंत्री बना सकती है. इससे पार्टी एक तीर से कई निशाने साध सकती है.

कौन हैं रविंद्र इंद्रराज सिंह?
रविंद्र इंद्रराज सिंह ने बवाना विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के जय भगवान उपकार को 31,475 वोटों के अंतर से हराया. वह भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं और लंबे समय से दलित समुदाय के लिए काम कर रहे हैं. 50 वर्षीय इंद्रराज पेशे से बिजनेसमैन हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं. चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.

दलित और ग्रामीण वोटरों को साधने की कोशिश
रविंद्र इंद्रराज सिंह को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा दलित और ग्रामीण समुदाय, दोनों को साध सकती है. इससे भाजपा दलितों के बीच एक मजबूत संदेश देगी और विपक्ष के दलित-संविधान जैसे मुद्दों पर हमलों को भी कमजोर कर सकेगी. इसके अलावा भाजपा उन ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं को भी साधना चाहती है जिन्होंने इस बार पार्टी को बड़ी जीत दिलाई है. बवाना के अलावा नरेला, मुंडका, रिठाला, बादली, बिजवासन, नजफगढ़, मटियाला, पालम और छतरपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों ने भाजपा के पक्ष में वोट देकर पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई.

भाजपा का दूल्हा कौन? से लेकर ऐतिहासिक जीत तक
दिल्ली चुनाव में भाजपा के सीएम फेस का मुद्दा चर्चा में रहा. आम आदमी पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के सीएम उम्मीदवार को लेकर तंज कसा और 'भाजपा का दूल्हा कौन?' जैसे नारों के साथ प्रचार किया. यहां तक कि जगह-जगह खाली घोड़े पर बैंड बाजे के साथ रैलियां निकालकर भाजपा पर निशाना साधा गया. लेकिन भाजपा ने बिना सीएम फेस के ही जोरदार जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि जनता ने पार्टी की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है.

क्या रविंद्र इंद्रराज सिंह होंगे भाजपा का जवाब?
अब सबकी निगाहें भाजपा के फैसले पर हैं. यदि रविंद्र इंद्रराज सिंह को सीएम बनाया जाता है, तो यह भाजपा की एक बड़ी राजनीतिक चाल होगी, जिससे दलित और ग्रामीण समुदायों में पार्टी की पकड़ और मजबूत होगी. साथ ही, यह लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को करारा जवाब भी साबित हो सकता है.

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