Vande Bharat Train: वाराणसी स्टेशन पर दिल्ली आ रही ट्रेन के दरवाजे शनिवार को डिपार्चर टाइम से 18 मिनट बाद खोले गए. इस दौरान प्लेटफार्म पर मौजूद यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. ट्रेन करीब आधे घंटे देरी से चली.
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Varanasi to Delhi Vande Bharat : अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस देश की सबसे बेहतरीन हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत ट्रेन उन लोगों के लिए सबसे उम्दा विकल्प है जो समय पर अपने गंतव्य पहुंचना चाहते हैं. लेकिन रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से अब ये ट्रेन भी दूसरी सामान्य ट्रेनों में शामिल होती दिखाई दे रही है. शनिवार को 160 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ने वाली वंदे भारत, जो ऑन टाइम चलने के लिए जानी जाती है, उसके दरवाजे डिपार्चर टाइम तक खुले ही नहीं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. रेलवे का ये हाल कहीं और नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का है. आइए बताते हैं पूरा मामला.
वाराणसी से चलती हैं दो वंदे भारत ट्रेनें
दरअसल वाराणसी से नई दिल्ली के लिए दो वंदे भारत ट्रेन चलती हैं. एक गाड़ी संख्या 22415 प्रातः 6 बजे से चलकर दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर नई दिल्ली पहुंचती है. वहीं दूसरी ट्रेन गाड़ी संख्या 22435 दोपहर 3 बजे वाराणसी जंक्शन प्लेटफार्म नंबर एक से निकलकर रात 11 बजे नई दिल्ली स्टेशन पहुंचती है लेकिन शनिवार दोपहर वाली वंदे भारत ट्रेन लगभग 30 मिनट की देरी से चली. इस तरह 3 बजे प्लेटफार्म से छूटने वाली ट्रेन आधे घंटे बाद चलना शुरू हुई.
दरवाजा खुलने का यात्री करते रहे इंतजार
चूंकि वाराणसी से ट्रेन को 3 बजे छूटना होता है तो यात्री 2:30 बजे से ही ट्रेन के दरवाजे खुलने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन जब 3 बजे तक दरवाजे नहीं खोले गए तो प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री इधर-उधर भटकने लगे. ट्रेन की लेटलतीफी की वजह बताने के लिए रेलवे का कोई अधिकारी या कर्मचारी भी था. लगभग 3:18 पर ट्रेन के दरवाजे खोले गए. आनन फानन में यात्री अपनी सीट पर बैठे. इस बीच एक यात्री ने वाराणसी स्टेशन पर खड़ी वंदे भारत ट्रेन, प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों का वीडियो बनाकर एक्स पोस्ट के माध्यम से रेल मंत्रालय को इसकी जानकारी दी. इसके बाद रेलवे अधिकारियों के कान खड़े हुए. लखनऊ डीआरएम ऑफिस ने मामले पर संज्ञान लिया.
लेट ही जाना है तो ज्यादा किराया क्यों?
बाकी ट्रेनों की तुलना में वंदे भारत ट्रेन का किराया अधिक है. वाराणसी से दिल्ली का किराया 1795 से लेकर 3320 रुपये है. इसके अलावा जीएसटी और इंश्योरेंस की कीमत अलग है. प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों का कहना था कि इतना ज्यादा किराया होने के बावजूद वे परेशानी झेल रहे हैं फिर क्या फायदा.
क्या महकमा देगा हर्जाना?
खास बात ये है कि इस ट्रेन के ऑटोमैटिक दरवाजे समय से बंद होते हैं. परिजन को छोड़ने आया व्यक्ति अगर इसमें फंस जाए तो ट्रेन अगले स्टेशन पर ही रुकती है. ट्रेन में पकड़े गए व्यक्ति को किराये समेत जुर्माना देना पड़ता है तो सवाल ये है कि क्या वंदे भारत ट्रेन के आधे घंटे की देरी पर रेलवे यात्रियों को हर्जाना देगा. क्या यात्रियों से नियमों का पालन करने की चाह रखने वाले रेल महकमे की उनके प्रति कोई जवाबदेही है?