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Diwali 2022 guidelines for firecrackers: दीपावली (Deepawali) यानी रोशनी का त्योहार (Festival of Lights). यूं तो हर किसी के लिए त्योहारों के अपने अलग-अलग मायने होते हैं. किसी के लिए दिवाली का मतलब सुंदर रोशनी, बिजली की झालरें, लड़ियां और मिठाइयां होती हैं तो कुछ लोगों के लिए दिवाली मतलब खुलकर पटाखे चलाने की आजादी. हालांकि जिन लोगों को बचपन से ही पटाखे फोड़ने का शौक है उन्हें इस बार थोड़ा सा अलर्ट रहने की जरूरत है, क्योंकि पटाखों के इस्तेमाल को लेकर नियम सख्त हैं.
पटाखे जलाने को लेकर दोराय
पटाखे जलाने से यानी दिवाली के ठीक अगले ही दिन प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. इससे कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है. किसी राज्य में पटाखों पर पूरी तरह बैन है. कहीं सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे. वहीं कुछ लोग तो इस बार सिर्फ दीये जलाकर ही अपनी दीपावली मनाने की बात कह रहे हैं. ऐसे में पटाखे फोड़ने से पहले आप भी जान लें अपने राज्य के नियम.
दिल्ली में टोटल बैन
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिवाली से लेकर न्यू ईयर तक किसी भी तरह की आतिशबाजी पर रोक लगा दी है. दिल्ली में 1 जनवरी 2023 तक पटाखों की बिक्री और खरीद पर पूरी तरह रोक है. दिल्ली की सरकार और पर्यावरण मंत्री ने आदेश नहीं मानने वालों पर सख्ती करने के निर्देश दिए हैं. यानी पटाखे चलाने पर जेल भी होगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा. दिल्ली में पटाखे जलाने वाले को 6 महीने की जेल हो सकती है तो पटाखे बेचने या उन्हें स्टोर करने पर 3 साल की जेल हो सकती है.
पंजाब में ये है नियम
पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है लेकिन इस राज्य में पटाखों के शौकीनों को थोड़ी राहत दी गई है. पंजाब में दिवाली के दिन रात में 8 बजे से लेकर 10 बजे तक सिर्फ दो घंटे ही पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. सिर्फ ग्रीन पटाखे ही फोड़ सकेंगे. सूबे के पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह के मुताबिक ग्रीन पटाखों के अलावा बाकी सभी दूसरे तरह के पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक रहेगी.
हरियाणा में भी संभल कर!
हरियाणा में ग्रीन पटाखों को छोड़कर बाकी सारे पटाखों की बिक्री, भंडारण और मैनुफैक्चरिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. सरकारी आदेश के मुताबिक, बाकी सारे पटाखों से जहरीली गैस निकलती है, इसलिए ग्रीन पटाखों को छोड़कर बाकी सभी तरह के पटाखों पर रोक है.
उत्तर प्रदेश में क्या है स्थिति?
उत्तर प्रदेश में पटाखों को लेकर कोई कठोर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन नियम सख्त जरूर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली के लिए पटाखों की दुकानें आबादी से दूर लगाने की हिदायत दी है. उन्होंने रविवार को कहा कि पर्यावरण और स्वास्थ्य की दृष्टि से अतिसंवेदनशील पटाखों की खरीद-फरोख्त को हतोत्साहित किया जाए. हालांकि यूपी में यह सुनिश्चित किया गया है कि पटाखों की दुकानें रिहायशी इलाकों से दूर हों और वहां फायर ब्रिगेड का उचित इंतजाम हो.
पश्चिम बंगाल में केवल ग्रीन पटाखे
पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक आज यानी 24 अक्टूबर को काली पूजा के दौरान केवल ग्रीन आतिशबाजी की इजाजत दी है. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि त्योहार के दौरान राज्य में क्यूआर कोड वाले हरे पटाखों के अलावा कोई भी पटाखों का आयात और बिक्री नहीं की जाएगी. यहां भी ग्रीन पटाखों को छोड़कर बाकी सभी तरह के पटाखों की बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध है. दिवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. वहीं छठ पूजा के दिन सुबह 6 बजे से 8 बजे तक ही आप पटाखे चला सकेंगे.
तमिलनाडु में क्या कहते हैं नियम?
राज्य में पिछले चार साल से पटाखे फोड़ने के लिए दो घंटे का समय तय किया गया है. इस बार भी इस छूट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ऐसे में अगर आज त्योहार के दिन आप तमिलनाडु में हैं तो रात में 7 से 8 बजे तक पटाखे फोड़ सकते हैं. पुडुचेरी में पटाखे फोड़ने के लिए यही समय तय किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
पटाखों पर लगी पाबंदी को हटाने के लिए जब एक याचिका देश की सबसे बड़ी अदालत में दायर की गई तो उसपर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जश्न मनाने के तरीके और भी हैं. आप अपना पैसा मिठाई पर खर्च करें. गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के जज प्रदूषण की वजह से दिल्ली की तुलना गैस चेंबर से कर चुके हैं.
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