DNA on pollution situation in india: लोगों ने कचरा फेंकने के लिए नदी-नाले तो छोड़िए, समुद्रों को भी नहीं बख्शा. लेकिन मुंबई में समुद्र ने इंसान के फेंके कचरों को वापस तट पर उड़ेल दिया है.
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DNA on pollution situation in india: मुम्बई के माहिम बीच पर समुद्र में आए हाई टाइड के बाद उफान मारती लहरों ने किनारों पर इतना कचरा जमा कर दिया कि BMC और दूसरे विभागों की चुनौती बढ़ गई है. ये वो कचरा है, जो लोगों द्वारा समुद्र में फेंका गया लेकिन समुद्र ने चेतावनी देते हुए ये कचरा तूफान के रूप में वापस किनारे पर फेंक दिया. ये शायद समुद्र की इंसानों को चेतावनी है कि अगर उन्होंने अपनी आदत अब भी नहीं बदली तो समुद्र इंसानों का कचरा एक दिन किनारों पर नहीं बल्कि उनके घर के सामने लाकर इकट्ठा कर देंगे.
माहिम बीच से उठाया गया 75 मीट्रिक टन कचरा
पिछले दो महीनों में अकेले सिर्फ माहिम बीच से ही 75 Metric Ton कचरा उठाया जा चुका है. इनमें ज्यादातर कचरा प्लास्टिक का है. मुम्बई को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए कई बड़े अभियान चलाए गए. शायद इस अभियान को सफल दिखाने के लिए ये कचरा समुद्र में ठिकाने लगा दिया गया. लेकिन समुद्र ने ये कचरा इंसानों को लौटा कर ये बता दिया कि, अगर इंसान अब भी नहीं सम्भले तो आने वाले वक्त में परेशानी और बढ़ जाएगी.
ये विषय इसलिए भी बड़ा है क्योंकि भारत में हर साल डेढ़ करोड़ टन कचरा समुद्र में फेंका जाता है. ये कचरा फेंकने वाले वाले लोग कोई और नहीं बल्कि वही हैं जिनके लिए ये पृथ्वी उनका घर है. समुद्र की लहरों ने प्लास्टिक के कचरे को लौटाकर इंसानों को चेतावनी दी है. हालांकि हमें लगता है कि आपमें से बहुत सारे लोगों ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया होगा. खास तौर पर वो लोग, जो तटीय इलाकों में नहीं रहते. वो सोच रहे होंगे कि इससे उनका आखिर क्या लेना-देना. लेकिन प्लास्टिक से जुड़ी ये समस्या कितनी गम्भीर है, इसे आप हमारे इस विश्लेषण से समझ सकते हैं.
दुनिया में 99 प्रतिशत हवा जहरीली हुई
WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की 99 प्रतिशत आबादी आज जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर है. जब हम ज़हरीली हवा की बात करते हैं तो सबसे पहले आपके जेहन में गाड़ियों और फैक्ट्रियों से होने वाला प्रदूषण आता होगा. लेकिन आज हम आपको ये बताते हैं कि प्लास्टिक का कचरा और प्लास्टिक से बनी वस्तुएं और दूसरा सामान आपके घर को सबसे ज्यादा प्रदूषित कर रहे हैं.
IIT गांधीनगर ने अमेरिका की दो Universities के साथ मिलकर एक अध्ययन किया. जिसमें ये बात सामने आई कि आपके घर में मौजूद प्लास्टिक के डिब्बे, Cosmetic Products और Dis-infectants आपके घर की हवा को जहरीला बना देते हैं. जिन घरों में ये स्टडी की गई, वहां ऐसे 69 केमिकल Compound मिले, जिन्हें VOC कहा जाता है. VOC का मतलब है, Vola-tile Organic Compounds. ये Chemicals हवा को ज़हरीला बना कर आपको बिना कुछ किए ही थका सकते हैं. सिरदर्द, तनाव और घबराहट जैसी परेशानियां दे सकते हैं. ज्यादा मात्रा में पाए जाने पर ये Chemicals कैंसर की वजह भी बन सकते हैं.
वेंटिलेशन की कमी बना रही शरीर को नुकसान
इस स्टडी में ये बात भी सामने आई कि सर्दियों के मौसम में ऐसे जहरीले कणों की मात्रा हवा में गर्मियों की तुलना में ज्यादा होती है. इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि सर्दियों के मौसम में घर अक्सर चारों तरफ से बंद होते हैं. यानी Ventilation के लिए पर्याप्त व्यवस्था ना हो तो ये जहरीले कण घर के अन्दर ही फंस कर रह जाते हैं और हवा में घुलकर आपके शरीर में पहुंच जाते हैं.
सोचिए ये कितनी ख़तरनाक बात है कि आज आपके घर के अन्दर की हवा भी साफ नहीं है. हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी की बात तो सब करते हैं लेकिन साफ हवा में सांस लेने के अधिकार की कोई बात नहीं करता. इसलिए आज आपको इसके बारे में भी जरूर सोचना चाहिए.
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