ED At Sanjay Raut's Home: ईडी की टीम शिवसेना नेता संजय राउत से पूछताछ कर रही है. ईडी पात्रा चॉल घोटाले के मामले की जांच कर रही है. संजय राउत के घर के बाहर उनके समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं.
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ED Reached Sanjay Raut's Home: शिवसेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ईडी (ED) की टीम आज (रविवार को) तड़के संजय राउत के घर पहुंच गई. ईडी की टीम संजय राउत से पूछताछ करने के लिए उनके घर पहुंची है. आशंका जताई जा रही है कि संजय राउत को हिरासत में लिया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, संजय राउत से पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl Scam) के मामले में पूछताछ हो रही है. आरोप है कि संजय राउत जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जान लें कि संजय राउत पर पात्रा चॉल घोटाले में शामिल होने का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक, संजय राउत की पत्नी से भी ईडी पूछताछ कर रही है.
संजय राउत का ट्वीट
शिवसेना नेता संजय राउत के घर पर पूछताछ के लिए ईडी की टीम के पहुंचने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी.'
महाराष्ट्र आणि शिवसेना लढत राहील.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 31, 2022
राउत ने कार्रवाई को बताया झूठा
एक अन्य ट्वीट में संजय राउत ने कहा कि झूठा एक्शन, झूठे सबूत, मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा. चाहे मर भी जाऊं लेकिन सरेंडर नहीं करूंगा. जय महाराष्ट्र.
खोटी कारवाई..
खोटे पुरावे
मी शिवसेना सोडणार नाही..
मरेन पण शरण जाणार नाही
जय महाराष्ट्र— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 31, 2022
किरीट सोमैया ने संजय राउत पर साधा निशाना
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने संजय राउत पर निशाना साधा है. किरीट सोमैया ने कहा कि संजय राउत को हिसाब देना होगा. माफियागिरी हो, धमकियां देना हो या फिर पात्रा चॉल घोटाला, संजय राउत को हिसाब देना ही पड़ेगा.
पात्रा चॉल घोटाला क्या है?
मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर है. इसे पात्रा चॉल भी कहा जाता है. पात्रा चॉल करीब 47 एकड़ में फैली हुई है. पात्रा चॉल के पुनर्विकास में धांधली की जांच ईडी कर रही है. बता दें कि साल 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने पात्रा चॉल के पुनर्विकास का काम शुरू किया था. इसमें 672 किराएदार थे. पुनर्विकास का ठेका गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को दिया गया था.
आज 14 साल बाद भी किराएदार अपने घरों के वापस मिलने का इंतजार कर रहे हैं. आरोप है कि बिना फ्लैट बनाए यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी गई थी. कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ऐसा करके गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये कमाए.
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