Jammu-Kashmir News: श्रीनगर में ड्रग तस्कर नई तकनीक का सहारा लेकर हाई-टेक तरीके से मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं. ड्रोन और एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल कर, ये तस्कर श्रीनगर में ड्रग्स पहुंचा रहे हैं.
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Jammu-Kashmir News: श्रीनगर में ड्रग तस्कर नई तकनीक का सहारा लेकर हाई-टेक तरीके से मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं. ड्रोन और एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल कर, ये तस्कर श्रीनगर में ड्रग्स पहुंचा रहे हैं. यह जम्मू-कश्मीर में अपने तरह का पहला मामला है. पहले पाकिस्तान से ड्रोन का इस्तेमाल कर नियंत्रण रेखा के पार से नशीले पदार्थों की आपूर्ति की जाती थी. अब, स्थानीय तस्कर भी हाई-टेक ड्रोन और एन्क्रिप्टेड ऐप्स का सहारा लेकर श्रीनगर में ड्रग्स पहुंचाने लगे हैं. जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह नई चुनौती बन गई है.
हाई-टेक किशोर ड्रग पैडलर गिरफ्तार
श्रीनगर के सफाकदल इलाके में पुलिस ने एक किशोर ड्रग पैडलर को गिरफ्तार किया है, जो ड्रोन का उपयोग कर नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा था. पुलिस के अनुसार, वह ड्रोन से क्षेत्र की निगरानी करता था और ग्राहकों को दूर-दूर बुलाकर उन पर नजर रखता था ताकि कोई पुलिस का हिस्सा न हो.
तीन और तस्करों की गिरफ्तारी
एसपी, नॉर्थ श्रीनगर शौकत अहमद डार ने बताया कि सफाकदल पुलिस ने इसी इलाके से तीन और ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया. इनके पास से एक ड्रोन भी बरामद किया गया, जिसका उपयोग ग्राहक की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा था. यह पहली बार है जब कश्मीर में किसी ड्रग तस्कर के पास से ड्रोन पकड़ा गया है.
अन्य तस्करों से संबंधों की जांच
पुलिस ने दो और युवकों को गिरफ्तार किया है, जो इस नेटवर्क का हिस्सा थे. ये युवक दक्षिण कश्मीर और श्रीनगर के विभिन्न इलाकों से जुड़े हैं. पुलिस जांच में जम्मू-कश्मीर से बाहर के कुछ संपर्क भी मिले हैं और पेमेंट यूपीआई के जरिए किए जा रहे थे, जो कश्मीर घाटी के बाहर के थे.
नार्को टेरर बन रही है बड़ी चुनौती
कश्मीर घाटी में नार्को टेरर पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. पुलिस ने पूरे क्षेत्र में नार्को आतंक के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है और हर दिन करोड़ों रुपये के मादक पदार्थ बरामद किए जा रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में छह लाख से अधिक लोग नशे की लत में हैं.
आतंकवाद के लिए मादक पदार्थों का इस्तेमाल
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी नेता अब कश्मीर में मादक पदार्थ भेजकर यहां के युवाओं को इसकी लत में धकेलना चाहते हैं. इसका उद्देश्य इन पदार्थों से मिलने वाली आय का उपयोग जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करना है.