Husband Wife Divorce Case: हाल ही में एक पति ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और कहा है कि उसकी पत्नी लड़कों के साथ बाहर जाती, साथ ही शराब भी पीती है. हालांकि अदालत ने इस पर कहा कि अगर शराब पीने के बाद बुरा बर्ताव नहीं किया जाता है तो यह क्रूरता नहीं है.
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Husband Wife Case in Court: पति-पत्नी के बीच अजीब-अजीब के झगड़े सामने आते हैं, हाल ही में एक पति ने अपनी पत्नी की शराब की गंदी लत से परेशान होकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पति ने अदालत से कहा कि उसकी पत्नी बगैर बताए अपने दोस्तों के साथ बाहर जाती है और शराब भी पीती है. पत्नी से छुटकारा यानी तलाक लेने के लिए पति ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उसकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी. क्योंकि अदालत ने इस पर ऐसा फैसला सुना दिया जो पति की उम्मीद के बिल्कुल उलट था.
दरअसल पति तलाक के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जस्टिस विवेक चौधरी और प्रकाश शुक्ला की डिवीजन बेंच के सामने सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि वो अपनी पत्नी से तलाक लेना चाहता है, क्योंकि उसकी पत्नी अपने पुरुष दोस्तों के साथ मुझे बताए बगैर बाहर जाती है और शराब भी पीती है. पति की इस शिकायत पर अदालत ने कहा कि 'अगर शराब पीने के बाद पत्नी के ज़रिए असभ्य बर्ताव नहीं किया जाता है, तो फिर ये क्रूरता नहीं है.'
अदालत ने आगे कहा,'मिडिल क्लास सोसायटी में शराब का पीना मना है और संस्कृति का हिस्सा नहीं है, लेकिन रिकॉर्ड पर ऐसी कोई चीद नहीं मिलती तो जो बताए कि शराब पीने की वजह से पति के साथ कोई क्रूरता को दर्शा रही हो.' बता दें कि अदालत क्रूरता, परित्याग या छोड़कर जाने की बुनियाद पर केस की सुनावी कर रहा था. सुनवाई के बाद अदालत ने पाया कि ये दोनों ही आधार एक दूसरे से पूरी तरह से अलग हैं.
अदालत ने दलील देते हुए कहा कि फैमिली कोर्ट भी सही है, क्योंकि ऐसी कोई ठोस बात नहीं मिलती जो यह साबित करे कि शराब पीने की वजह से बच्चा कमजोर या फिर स्वस्थ पैदा नहीं होगा, यहां तक कि इस बात की भी कोई पुष्टि नहीं है कि शराब पीने की वजह से प्रेग्नेंसी में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि पत्नी साल 2016 के बाद से अपने पति से अलग रह ही है.
इसके अलावा अदालत ने इस बात का भी जिक्र किया मामले में पति की ससुराल की तरफ से भागीदारी नहीं है. जिससे ये साफ हो रहा है कि पत्नी अपने ससुराल वापस लौटना नहीं चाहती. जिसके बाद अदालत ने पति की तलाक की अर्जी को हरी झंडी दिखाते हुए मंजूरी दे दी है.
बता दें कि इस जोड़े ने ऑनलाइन वेबसाइट पर मिलने के बाद साल 2015 में शादी की थी. पति ने याचिका में बताया कि उसकी पत्नी ने 2016 में उसका साथ छोड़ दिया था और बेटे को भी अपने साथ ले गई थी और अब वह कोलकाता में रह है. इसके बाद पति ने फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन यहां उसकी अर्जी खारिज कर दी गई थी.