Krishna Janmabhoomi Case: सुनवाई नहीं सिर्फ सर्वे पर आगे बढ़ने से रोका; ईदगाह मामले पर 'सुप्रीम' फैसले के मायने?
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Krishna Janmabhoomi Case: सुनवाई नहीं सिर्फ सर्वे पर आगे बढ़ने से रोका; ईदगाह मामले पर 'सुप्रीम' फैसले के मायने?

Supreme Court on Shahi Janmabhoomi Case: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को  श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद की सुनवाई करने से नहीं रोका है,सिर्फ सर्वे की कवायद पर आगे बढ़ने से रोका है.हाई कोर्ट ने निचली अदालतों में लंबित सारे मुकदमों को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर कर लिया था. 

Krishna Janmabhoomi Case: सुनवाई नहीं सिर्फ सर्वे पर आगे बढ़ने से रोका; ईदगाह मामले पर 'सुप्रीम' फैसले के मायने?

मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे अभी नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमे हाई कोर्ट ने विवादित जगह के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश दिया था. मस्जिद कमेटी ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी .

आज कोर्ट में क्या हुआ

आज सुनवाई के दौरान ईदगाह कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से वकील तसनीम अहमदी और हिंदू पक्ष की ओर से वकील श्याम दीवान पेश हुए. मुस्लिम पक्ष ने  सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों के हवाला देते हुए सर्वे के लिए कमिश्नर की नियुक्ति के हाई कोर्ट  के आदेश पर रोक की मांग की थी. वकील ने दलील दी कि हिंदू पक्ष के मुकदमे पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति  पर फैसला दिए बिना हाई कोर्ट को सर्वे का ये आदेश नहीं देना चाहिए था.

कोर्ट ने सर्वे पर इसलिए रोक लगाई

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने माना कि हिंदू पक्ष ने सर्वे को लेकर अपनी मांग के पीछे का आधार स्पष्ट नहीं किया है.कोर्ट ने हिंदू पक्ष के वकील श्याम दीवान से कहा कि कमिश्नर की नियुक्ति को लेकर  हाई कोर्ट में दायर आपकी याचिका बेहद अस्पष्ट है. आपने अपनी अर्जी में ये साफ ही नहीं किया है कि आप कमिश्नर से आखिर चाहते क्या है. आपने सब कुछ कोर्ट पर छोड़ दिया. आप इस तरह से याचिका दाखिल नहीं कर सकते. हम इस आदेश पर रोक लगा रहे हैं.

वकील श्याम दीवान ने हालांकि सर्वे पर रोक लगाने के आदेश पर विरोध जाहिर किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि अभी एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति के आदेश पर अमल नहीं होगा.कोर्ट ने  मस्जिद कमेटी की याचिका पर हिंदू  पक्ष को नोटिस जारी करते हुए 23 जनवरी तक जवाब मांगा है.

मुस्लिम पक्ष को एतराज क्यों है?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और 7 अन्य लोगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश दिया था.  मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अभी हिंदू पक्ष की ओर से दायर  केस की मेंटेबिलिटी को लेकर उनकी याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेंडिंग ही है. हाईकोर्ट को ये तय करना है कि हिंदू पक्ष की ओर से दायर केस सुनवाई लायक है या नहीं. प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट के चलते  इस केस पर सुनवाई होनी ही  नहीं  चाहिए लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर  सुनवाई के बिना ही  सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश दे दिया.

अब आगे क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को  श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद की सुनवाई करने से नहीं रोका है,सिर्फ सर्वे की कवायद पर आगे बढ़ने से रोका है. हाई कोर्ट ने निचली अदालतों में लंबित सारे मुकदमों को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर कर लिया था. इस लिहाज से हाई कोर्ट बाकी पहलुओं पर आगे सुनवाई कर सकता है. हाईकोर्ट में मामला 17 जनवरी को सुनवाई के लिए लगा है. वही सुप्रीम कोर्ट में आगे सुनवाई 23 जनवरी को होगी.

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