Scam: कोर्ट ने 4 अक्टूबर को सभी को आरोपी के तौर पर अदालत में पेश होने का समन जारी किया है. 3 जुलाई को दाखिल इस चार्जशीट में CBI ने लालू यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया था.
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Summons By Court: नौकरी के बदले जमीन घोटाले में राउज एवेन्यु कोर्ट ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी समेत 17 आरोपियों को समन जारी किया है. इस केस में सीबीआई की ओर से दाखिल दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने यह समन जारी किया है. कोर्ट ने 4 अक्टूबर को सभी को आरोपी के तौर पर अदालत में पेश होने का समन जारी किया है. 3 जुलाई को दाखिल इस चार्जशीट में CBI ने लालू यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया था. इस चार्जशीट में पहली बार तेजस्वी यादव का नाम आरोपी के तौर पर सामने आया था.
आवश्यक अनुमति हासिल की
इससे पहले सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आरोपियों की लिस्ट में शामिल लालू यादव, रेलवे के तीन बड़े अधिकारियों महीप कपूर, मनोज पांडे, पीएल बनकर के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सम्बंधित ऑथॉरिटी से आवश्यक मंजूरी मिल गई है. तेजस्वी यादव के केस में सीबीआई को ऐसी मंजूरी लेने की ज़रूरत इसलिए नहीं है क्योंकि इस घोटाले के वक़्त (2004-2009) के बीच वो किसी सरकारी पद पर नहीं थे.
क्या है नौकरी के बदले ज़मीन घोटाला
CBI का केस है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004-2009 के बीच) बिहार के लोगो को मुंबई, जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर में ग्रुप डी पोस्ट के लिए नौकरी दी गई. इसके एवज में नौकरी पाने वाले लोगो ने लालू प्रसाद के परिजनों / परिजनों के स्वामित्व वाली कंपनी के नाम अपनी ज़मीन ट्रांसफर की है. इन नौकरियों के लिए कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस नहीं जारी किया गया था.
पहली चार्जशीट पिछले साल अक्टूबर में
पिछले साल अक्टूबर में दाखिल पहली चार्जशीट में सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी यादव समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया था. यह रेलवे के मुंबई मुख्यालय वाले सेंट्रल जोन में की गई नियुक्तियों से संबंधित थी. वहीं वही दूसरी चार्जशीट जिसमे पहली बार तेजस्वी यादव का नाम आरोपी के तौर पर पहली बार शामिल किया गया है, वो मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पश्चिमी मध्य क्षेत्र में की गई रेलवे की ग्रुप डी भर्तियों से जुड़ा है.