Chhattisgarh Assembly Elections: छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 85 प्रत्याशियों के टिकट जारी कर दिए हैं, जिसमें बड़ा संकेत छुपा है, बीजेपी प्रत्याशियों की लिस्ट से कई स्थितियां भी क्लीयर हो गई हैं.
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Chhattisgarh Assembly Elections: छत्तीसगढ़ में बीजेपी प्रत्याशियों की दो सूची में 85 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, जबकि पांच सीटों पर अभी उम्मीदवारों का चयन होना बाकि है. खास बात यह है कि बीजेपी के 85 उम्मीदवारों में अब तक बड़ा संकेत देखने को मिल रहा है, माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार छत्तीसगढ़ में हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं. क्योंकि टिकट वितरण में यही संकेत मिले हैं.
ईश्वर साहू के टिकट से मिले संकेत
दरअसल, बीजेपी ने साजा सीट से ईश्वर साहू को प्रत्याशी बनाया है, ईश्वर के पिता भुवनेश्वर साहू की बिरनपुर में हत्या हुई थी, जिसके बाद यह पूरा मामला सांप्रदायिकता में बदल गया था. ऐसे में बीजेपी ने गैर राजनीतिक पृष्टभूमि से आने वाले ईश्वर साहू को उताकर यहां एक तरह से हिंदुत्व का मैसेज देने की कोशिश की है.
अरुण साव भी साधते रहे हैं निशाना
खास बात यह है कि हाल के दिनों में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी बघेल सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे हैं. साव अपने बयानों में बघेल सरकार को अकबर और ढेबर की सरकार बुलाते हैं. बता दें कि मोहम्मद अकबर बघेल सरकार में मंत्री हैं, जबकि एजाज ढेबर रायपुर के महापौर हैं. बिरनपुर के मुद्दे पर बीजेपी पर लगातार निशाना साधते हुए कांग्रेस और बघेल सरकार को घेरती रही है.
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में घर वापसी अभियान और धर्मांतरण का मुद्दा भी खूब उठता रहा है. दिलीप सिंह जूदेव के परिवार से भी बीजेपी ने प्रत्याशी बनाकर इसके संकेत दिए हैं. दिलीप सिंह जूदेव की राजनीतिक विरासत संभाल रहे प्रबल प्रताप सिंह को कोटा और उनके ही परिवार की बहू संयोगिता सिंह जूदेव को चन्द्रपुर विधानसभा सीट से बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. यानि यहां भी बीजेपी हार्ड कोर हिदुत्व के मुद्दे पर खेलने वाली है.
कांग्रेस भी तैयार
हालांकि बीजेपी के हिंदुत्व के कार्ड को रोकने के लिए कांग्रेस भी तैयार नजर आ रही है. कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में कौशल्या माता मंदिर, राम वन गमन पथ और राम मंडिलयों की योजना के जरिए बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड का जवाब देने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस ने लगातार इन मुद्दों का खूब प्रचार भी किया है. ऐसे में इस बार छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में हिंदुत्व का मुद्दा गूंजता हुआ दिखाई जरूर देगा.
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