Chhattisgarh Vidhan Sabha Chunav: छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के ''प्रदेश में सीएम नहीं बनने के बाद राजनीति का कोई औचित्य नही रह जाएगा." इस बयान को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने ZEE MPCG से खास बातचीत में कहा, "सीएम बनना छोटी चीज है. हम लोगों को रियासत काल से राजा महाराजा रहे. 5 साल का सीएम क्या होता है?
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Chhattisgarh Assembly Election: छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के ''प्रदेश में सीएम नहीं बनने के बाद राजनीति का कोई औचित्य नही रह जाएगा." इस बयान को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने ZEE MPCG से खास बातचीत में कहा, "सीएम बनना छोटी चीज है. हम लोगों को रियासत काल से राजा महाराजा रहे. 5 साल का सीएम क्या होता है? वो बहुत छोटी चीज है. जिम्मेदारी मिलेगी तो अच्छी बात है. हमलोग तो काम कर ही रहे हैं. सीएम भूपेश भाई के साथ कोई दिक्कत तो नहीं है."
उपमुख्यमंत्री व अंबिकापुर से कांग्रेस प्रत्याशी टीएस सिंहदेव ने शनिवार को बयान दिया, "मुख्यमंत्री नहीं बनने की स्थिति में यह मेरा अंतिम चुनाव होगा. मैं राजनीति से संन्यास लेने की बात नहीं कर रहा हूं. मैं राजनीति में रहूंगा. संगठन से जो दायित्व मिलेगा, उसका निर्वहन करूंगा." उन्होंने कहा, "जब पानी स्थिर हो जाता है तो उसमें भी काई लग जाती है. कोई आपको हटाए, उससे पहले ही निर्णय लेना उचित है. मेरा तो मानना है कि हटाने से पहले सीट खाली कर देनी चाहिए. युवाओं और नए लोगों को भी अवसर मिलना चाहिए. राजनीति में इतना कड़ा निर्णय लेने की भी क्षमता होनी चाहिए."
मुझे निराशा होगी
उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि 75 प्लस से मैं हमेशा बचता रहा हूं. शायद यह संभव नहीं है, लेकिन अगर कांग्रेस को दो-तिहाई से ज्यादा सीटें नहीं मिलीं तो मुझे निराशा होगी.
पीसीसी चीफ दीपक बैज और कुमारी सैलजा ने ली बैठक
इधर, छत्तीसगढ़ में मतदान के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज और कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने प्रत्याशियों की बैठक ली. रविवार को एक बार फिर प्रत्याशियों के साथ बैठक होगी. बैठक के बाद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रत्याशियों से चुनाव का अच्छा फीडबैक मिला है. बढ़िया ढंग से कांग्रेस की सरकार बनेगी. ओवर कॉन्फिडेंट नहीं होना चाहिए, कन्जर्वेटिव रखना चाहिए. अच्छे नतीजे आएंगे, अभी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.
सीएम पर बोलीं कुमारी सैलजा
कुमारी सैलजा ने आगे कहा कि जिनका टिकट बदला उन्होंने पार्टी के प्रति निष्ठा रखी और जिम्मेदारी निभाई. हमारे यहां की परंपरा है पहले विधायकों की बैठक होती है. MLA बैठक के बाद सीएम पद का फैसला हाईकमान करता है. यही कांग्रेस की परंपरा है, जिसे सब मानते हैं.
रिपोर्ट: सुशील कुमार बक्सला, रायपुर