आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए अब छत्तीसगढ़ में पुलिस अनोखी पहल करने जा रही है. क्योंकि पिछले पांच साल में आत्महत्या के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं, जो एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. ऐसे में पुलिस अब मामलों को रोकेगी.
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हितेश शर्मा/दुर्ग। आत्महत्या आज के वक्त में बड़ी समस्या बन चुकी है. लोग छोटी-छोटी सी बातों पर सुसाइड कर लेते हैं. आत्महत्या को रोकना आज के वक्त में एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. लेकिन अब छत्तीसगढ़ एक जिले की पुलिस आत्महत्या रोकने की दिशा में काम करेगी. क्योंकि इस जिले में पिछले पांच साल में 1 हजार 246 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. ऐसे में अब पुलिस ने आत्महत्या पर रोक लगाने के लिए प्लान बनाया है.
दुर्ग जिले में 1 हजार से ज्यादा लोगों ने की आत्महत्या
दरअसल, दुर्ग जिले के अंतर्गत आने वाले तमाम थानों में आत्महत्या के हजारों केस दर्ज हुए हैं, ऐसे में अचानक आत्महत्या की संख्या में बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए पूरे जिले से रिपोर्ट तैयार करवाई गई, जब रिपोर्ट तैयार हुई तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. क्योंकि छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पिछले पांच साल में शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक, प्रेम प्रसंग सहित अन्य कारणों से 1 हजार 246 लोग आत्महत्या कर चुके हैं.
अनोखी पहल
ऐसे में दुर्ग अब छत्तीसगढ़ का पहला जिला बनेगा जो लोगों को आत्महत्या करने से रोकेगा. इसे रोकने अब जरूरी प्लान तैयार किया जा रहा हैं, जिसके अंतर्गत डिप्रेशन में जाने वाले लोगों की पहचान की जाएगी और उन्हें जीवन जीने की नई राह दिखाई जाएगी. आत्महत्या की बढ़ती संख्या पुलिस के लिए चिंता का विषय बन गई है, ऐसे में अब दुर्ग पुलिस ने एक अनोखी पहल शुरू की है, जहां थाने और कोर्ट सहित ऐसे लोगों की सूची बनाई जा रही है, जो लंबे समय से किसी ना किसी केस में हाजिरी लगा रहे हैं और उनका मानसिक संतुलन ठीक है. ऐसे में इन सभी लोगों की काउंसलिंग कराई जाएगी.
टोल फ्री नंबर जारी होगा
छत्तीसगढ़ में दुर्ग पहला जिला होगा जहां वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे पर आत्महत्या रोकने के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा. यह टोल फ्री नंबर राज्य के डायल 112 से कनेक्ट रहेगा. आत्महत्या करने की शंका होने पर सीधे 112 पर फोन करके सूचना दी जा सकेगी. जानकारी लगने के बाद डायल 112 की टीम पीड़ित को काउंसलिंग के लिए अस्पताल पहुंच जाएगी ताकि खुदकुशी करने वालों को रोका जा सके.
दुर्ग जिले के एसपी अभिषेक पल्लव का कहना है कि पूरे जिले के सभी थानों से सुसाइड के मामलों की रिपोर्ट तैयार कराई गई है. कारणों का एनालिसिस किया जा रहा है और सुसाइड को कैसे रोका जा सके हम एक अभियान चला रहे हैं. बहुत सारे युवा वर्ग छोटे-मोटे कारणों के कारण आत्महत्या का कदम उठा लेते हैं म करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर चालू किया जा रहा है. इस फील्ड में एक्सपर्ट लोगों को वारंट ईयर के रूप में तैयार कर रहे हैं, उन के माध्यम से लोगों को काउंसलिंग किया जाएगा.