Chhattisgarh News: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक और झटका लगा है. कोरबा नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को राजस्व विभाग ने शून्य घोषित कर दिया है.
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Chhattisgarh News: कोरबा। देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. इस बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल अपनी-अपनी जीत पक्की करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस को झटकों पर झटके लग रहे हैं. अब कोरबा से कांग्रेस महापौर पर संकट आ गया है. कांग्रेस नेता राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को राजस्व विभाग ने शून्य घोषित कर दिया है. भाजपा पार्षद ऋतु चौरसिया ने महापौर के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी थी.
राजस्व अधिकारी ने आदेश किया जारी
कोरबा से कांग्रेस महापौर राजकिशोर प्रसाद की तरफ से नगरीय निकाय चुनाव में लगाए गए जाति प्रमाण पत्र शून्य घोषित कर दिया गया है. इस संबंध में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी ने आदेश जारी किया है. चुनावों के बाद भाजपा पार्षद ऋतु चौरसिया ने महापौर के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी थी.
आदेश में क्या लिखा है ?
एसडीएम आदेश के मुताबिक, कोरबा तहसीलदार ने 5 दिसंबर 2019 को अनुमोदित अस्थायी जाति प्रमाण पत्र को प्रथम दृष्टया संदेहास्पद और कपट पूर्वक प्राप्त करने के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अंतिम जांच होने तक निलंबित कर दिया है.
नेता प्रतिपक्ष ने की मांग
फैसले से बीजेपी में खुशी की लहर है. कोरबा नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने महापौर राजकिशोर प्रसाद की इस्तीफे की मांग करते उन पर 420 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने चार साल के पैसे की रिकवरी करने की भी मांग की है.
उपयोग पर प्रतिबंध
राजकिशोर प्रसाद पर किसी भी तरह से इस जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लाभ के लिए उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. चार साल ओबीसी कोटे से महापौर बने राजकिशोर प्रसाद पर जांच चल रही थी. चुनावों के तुरंत बाद ही बीजेपी नेताओं ने शिकायत की थी. वो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला चुके हैं. खुद नेता प्रतिपक्ष पार्षद दल के साथ अपर कलेक्टर से मिलकर शिकायत कर चुके हैं.