Historical Mavli Mela: नारायणपुर में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक मावली मेला का 5 दिवसीय आयोजन 19 फरवरी से होने जा रहा है जो कि 23 फरवरी तक चलेगा. 800 साल पुराने इस ऐतिहासिक मेले का इंतजार जिलेवासियों को हमेशा रहता है. यह मेला क्षेत्र का सबसे बड़ा लोक उत्सव है.
बाहर से आने वाले दुकानदार और मीना बाज़ार के लेबर इस मेला कि तैयारी में 15 दिनों पहले से जुट जाते हैं मेला के पहले दिन मेला स्थल में मावली परघाव कि रस्म अदा कि जाती है और इसी दिन से मेला शरू होता है.
इस बार मेले पहली बार रेंजर स्टार , आकाश झुला , नाव झुला, मीना बाजार में आया है.
इस मेला में मीना बाज़ार, शासकीय विभागों कि प्रदर्शनी के अलावा 5 दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रमो के साथ ही अन्य कार्यक्रमो का रंगारंग आयोजन होता है जो आकर्षण का केंद्र लोगों के लिए रहता है.
नारायणपुर का मावली मेला अपनी संस्कृतियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यह मावली मेला 800 वर्ष पुरानी मावली परघाव की रस्म के चलते अपनी एक अलग ही पहचान रखता है.
इस मेले में यहां की संस्कृति को देखने के लिए देश विदेश के साथ महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के कई जिलो के लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं. यह मेला क्षेत्र का सबसे बड़ा लोक उत्सव है.
यह बस्तर के आदिवासियों का सबसे बड़ा मेला है. इस मेले में बस्तर संभाग के सभी क्षेत्रों के आदिवासी समाज के लोग जुटते है. इस मेले में आदिवासियों की संस्कृति देखने को मिलती है. यहीं कारण है कि इस मेले को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है.
मावली मेला महाशिवरात्रि के पहले बुधवार को आयोजित किया जाता है. इस मेले में देव समिति और जिला प्रशासन अपनी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं. पारम्परिक रीति रिवाज के चलते इस मेले की पहचान आज भी बरकरार है.
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