Trending Photos
सूरजपुर: कहते हैं दृढ़ निश्चय से हर सफलता हासिल की जा सकती है, कुछ ऐसा ही साबित कर दिखाया है सूरजपुर की आंचल ने जो दूसरों के लिए एक मिसाल बन गई है. गौरतलब है कि आज के आधुनिक समय में अंग्रेजी भाषा सबके लिए बेहद जरूरी बन गई है. ऐसे में सूरजपुर जिले के एक छोटे से गांव की हिंदी मीडियम की छात्रा ने बिना किसी कोचिंग और बिना किसी सहायता के इंग्लिश बोलना सीखा लिया. अब वे स्थानीय ग्रामीणों के साथ देश ही नहीं बल्कि विदेशी छात्रों को भी इंग्लिश की कोचिंग करा रही हैं.
नुपूर शर्मा का समर्थन करने पर एक्स रोडीज निहारिका को मिली धमकी- तेरा गला भी कटेगा
दरअसल सूरजपुर जिले में एक छोटा सा गांव है गणेशपुर. जहां लोग अच्छे से हिंदी भी नहीं बोल पाते हैं. यहां की एक गरीब किसान की लड़की आंचल यादव जो खुद बी. ए. सेकंड ईयर की छात्रा है. यहां के ग्रामीणों को अंग्रेजी बोलना और लिखना सिखा रही है. आंचल गांव के ग्रामीणों के साथी देश के 15 राज्यों के छात्रों और चार देश के छात्र को इंग्लिश की शिक्षा दे रही हैं.
पैसे नहीं थे तो यूट्यूब की ली मदद
आंचल के अनुसार हिंदी मीडियम की स्टूडेंट होने की वजह से वह इंग्लिश में काफी कमजोर थी. जिसकी वजह से वो टेक्नोलॉजी का उपयोग नहीं कर पा रही थी और वह इंग्लिश की कोचिंग करना चाह रही थी. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से यह उसके लिए संभव नहीं था. जिसके बाद उसने यूट्यूब से इंग्लिश की कोचिंग शुरु की और आज वह धाराप्रवाह इंग्लिश बोल और लिख पा रही है.
देश-विदेश में सीखा रही इंग्लिश
खुद इंग्लिश सीखने के बाद उसने अपने गांव के लोगों को भी कोचिंग देना शुरू किया और अपना एक इंग्लिश कोचिंग का यूट्यूब चैनल शुरू किया. उसके इस यूट्यूब चैनल से लोग लगातार जुड़ने लगे और आज स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, असम, राजस्थान के साथ 15 राज्यों के लोगों को आज यह कोचिंग दे रही हैं. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया, दुबई सहित 4 देशों के छात्रों को भी इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स करा रही है. आंचल कई लोगों से फीस लेती है तो कुछ आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को मुफ्त में शिक्षा दे रही है.
लूट के आरोपी को पकड़ने गई पुलिस, बदमाशों ने TI के पेट में घोंप दिया चाकू
ग्रामीण बच्चे भी बोल रहे इंग्लिश
आंचल की सफलता से उसके परिवार सहित स्थानीय लोग भी काफी खुश हैं. वे चाहते हैं कि इस छोटे से गांव की लड़की देश और दुनिया में अपने परिवार के साथ ही अपने क्षेत्र का भी नाम रोशन करें. आंचल की वजह से अब ग्रामीण बच्चे भी धाराप्रवाह इंग्लिश बोल रहे हैं, जो उनके भविष्य के लिए काफी उपयोगी साबित हो रहा है.