Jai Vilas Palace: ग्वालियर का जय विलास पैलेस अपनी भव्यता, ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. जय विलास पैलेस ग्वालियर के सिंधिया परिवार के इतिहास का गवाह है और यह ग्वालियर किले और शहर की ऐतिहासिक धरोहर का एक अहम हिस्सा है. यहां से पूरे शहर का खूबसूरत दृश्य देखा जा सकता है.
यह महल यूरोपीय (बारोक, रोकोको) और भारतीय वास्तुकला का शानदार संगम है. यहां इटालियन बारोक और भारतीय शैली की वास्तुकला का अद्भुत मेल है.
महल में एक संग्रहालय है, जो ग्वालियर के राजघराने की ऐतिहासिक धरोहरों से भरा हुआ है. यहां पुराने चित्र, शस्त्र, शाही वस्तुएं और मूर्तियां प्रदर्शित की जाती हैं.
महल का दरबार हॉल अत्यधिक भव्य है, जिसमें शानदार झूमर, कांच की खिड़कियां और भव्य दीवारों की सजावट है. यहां शाही दरबार की कई चीजें रखी गई हैं.
महल के दरबार हॉल में एक विशाल 3,000 किलो वजनी झूमर है, जो दुनिया के सबसे बड़े झूमरों में से एक माना जाता है. यह की झतों पर सोने की सजावट की गई है.
महल में शाही परिवार के इस्तेमाल के लिए कई भव्य कमरे हैं, जिनकी दीवारें सुंदर चित्रों और लकड़ी के बने शानदार काम से सजाई गई हैं. बताया जाता है कि महल में कुल 400 कमरे हैं.
जय विलास पैलेस भारत के पहले महलों में से एक था जहां पर इलेक्ट्रिक लाइट्स का प्रयोग हुआ था. यह शाही परिवार के लिए अत्याधुनिक था.
महल के भीतर एक शानदार स्विमिंग पूल भी है, जो एक समय में शाही परिवार के लग्जरी का हिस्सा था. महल के विभिन्न कक्षों में संगीत और कला से संबंधित चीजें और ऐतिहासिक धरोहरें रखी गई हैं, जिनका शाही परिवार के कला प्रेम से गहरा संबंध था.
महल में राजसी शैली की सजावट की गई है, जिसमें सुंदर मोर और हाथी की मूर्तियां, बड़े कांच के झूमर, और शानदार फर्नीचर शामिल हैं.
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