MP में बड़ी राजनीतिक हलचल, बसपा विधायक थाम सकते हैं बीजेपी का दामन
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MP में बड़ी राजनीतिक हलचल, बसपा विधायक थाम सकते हैं बीजेपी का दामन

MP Nikay Chunav 2022: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, बताया जा रहा है कि बीएसपी के एक विधायक जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उन्हें भाजपा की सदस्यता दिला सकते हैं. 

MP में बड़ी राजनीतिक हलचल, बसपा विधायक थाम सकते हैं बीजेपी का दामन

प्रदीप शर्मा/भिंड। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के बीच राजनीतिक उठापठक जारी है, बताया जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. क्योंकि बीएसपी विधायक ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं. जिससे प्रदेश के सियासी गलियारों अटकलों का दौर शुरू हो गया है. ॉ

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BSP विधायक संजीव कुशवाहा बीजेपी में हो सकते हैं शामिल 
दरअसल, खास बात यह है कि भिंड जिले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और भिंड के चौक चौराहों पर पर बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा के भाजपा में शामिल होने की अटकलों का बाजार गर्म है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि संजीव कुशवाहा के भाजपा में प्रवेश का रास्ता दिल्ली से तय हुआ है, सूत्रों के अनुसार संजीव कुशवाहा की बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात भी हो चुकी है और उनका मंगलवार को भाजपा में शामिल होने का प्रोग्राम तय किया है, हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टी अब तक नहीं हुई है. लेकिन इस बात की चर्चा तेज है. 

पिता बीजेपी से रहे हैं सांसद 
बता दें कि वर्तमान बसपा विधायक के पिता रामलखन कुशवाहा बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं, वह चार बार के भाजपा सांसद रह चुके हैं, संजू के पिता डॉ राम लखन सिंह भिण्ड लोकसभा सीट से रिकॉर्ड चार बार लगातार जीत का रिकॉर्ड बनाया था, वे तब तक जीतते रहे जब तक भिण्ड-दतिया संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं हो गई. जबकि संजीव भी पहले बीजेपी से जुड़े रहे हैं. लेकिन जब उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह बीएसपी में शामिल हो गए थे. 

टिकट न मिलने पर की थी बगावत 
संजीव सिंह भिंड जिला पंचायत के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. संजीव सिंह 2013 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले बीएसपी में शामिल हो गए थे. हालांकि वे चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने पचास हजार से ज्यादा वोट मिले थे, इसके बाद 2018 के चुनाव में उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की. खास बात यह है कि संजीव सिंह के इस दलबदल से उनकी विधायकी पर कोई खतरा नहीं होगा क्योंकि विधानसभा में बीएसपी के केवल दो ही विधायक है. एक एमएलए के दल बदल का मतलब पचास फीसदी का दल बदल हुआ सो वे दल बदल कानून के दायरे से मुक्त हो जाते हैं. 

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जैसे ही भिंड के गलियारों में भाजपा विधायक संजीव सिंह संजीव की शामिल होने की अटकलें आने लगी तो मीडिया ने उनके पिता भाजपा के पूर्व सांसद राम लखन सिंह से संपर्क किया, जब उनसे बेटे के बीजेपी में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सुना है कि उनके पुत्र बसपा विधायक संजीव सिंह कल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सीएम शिवराज के सामने में भाजपा में शामिल हो सकते हैं और उनके समर्थकों के भोपाल पहुंचने के लिए जाने के लिए बस और गाड़ियां तैयार खड़ी है.

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