भिंड़ जिले में हनुमान जी का प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर मौजूद है. यह अनोखा धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां दर्शन करने से बीमारियां ठीक हो जाती है. यहा विराजमान हनुमान की पूजा डॉक्टर के रूप में होती है. दंदरौआ धाम के सखी हनुमान को लोग डॉक्टर हनुमान के नाम से पूजते हैं. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के रोगों का हरण होता है.
जबलपुर के ग्वारीघाट क्षेत्र में प्रसिद्ध रामलला मंदिर स्थापित हैं, इस मंदिर को अर्जी वाले हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं. इस प्रतिमा में हनुमान जी का बालरुप विद्यमान हैं. कहा जाता है कि जो भी भक्त मंदिर में सच्चे मन से अर्जी लगाता है उसकी मुराद जरूर पूरी होती है. यहां भक्तों की मनोकामनाओं को एक रजिस्टर में लिखकर हनुमान जी को सुनाया जाता है. हर साल यहां हनुमानभक्त हर कोने से अर्जी लगाने आते हैं.
इंदौर शहर से करीब 30 किमी दूर सांवेर गांव में हनुमान जी की बेहद विलक्षण प्रतिमा स्थापित है. हर जगह हनुमान जी की प्रतिमा सीधी स्थापित है, लेकिन इस चमत्कारिक मंदिर में प्रतिमा उल्टी विराजमान है. पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान राम और रावण के युद्ध के दौरान अहिरावण ने रूप बदलकर राम जी की सेना में प्रवेश किया था और लक्ष्मण को मूर्छित कर पाताल लोक ले गया था. हनुमान जी इसी जगह से पाताल लोक गए थे. उल्टे हनुमान की यह प्रतिमा दुनिया में इकलौती है.
छिंदवाड़ा जिले के जामसांवली गांव में चमत्कारिक हनुमान मंदिर है. इस मंदिर में हनुमान जी की 15 फीट लंबी मूर्ति निद्रा अवस्था में मौजूद है. हनुमानजी की नाभि से यहां जलधारा निकलती है. इस जलधारा के पानी को लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. मान्यता है कि 100 साल पुराने इस मंदिर के नीचे खजाना छिपा है. खजाने की पहरेदारी के लिए हनुमान जी खड़े थे, चोर आए भी लेकिन खाली लौट गए. तब से हनुमान जी इसी अवस्था में हैं.
कटनी-दमोह मार्ग पर कटनी से 35 किमी दूर मोहास गांव में हनुमानजी का चमत्कारिक मंदिर है. यहां दुर्घटना के शिकार बड़ी संख्या में ऐसे लोग आते हैं, जिन्हें हाथ-पैर अथवा अन्य कोई भाग काम नहीं करता है. इस मंदिर में पुजारी पीड़ित व्यक्ति को एक जड़ी खिलाते हैं. जिससे उनकी हड्डी जुड़ जाती है.
शाजापुर के बोलाई गांव में रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रैक के बीच खेड़ापति हनुमानजी का 600 साल पुराना मंदिर. मान्यता है कि सिद्धवीर खेड़ापति भविष्य बताते हैं. यहां आने के बाद भविष्य की घटनाओं का अनुमान लग जाता है. यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार अपने आप कम हो जाती है, अगर कोई लोको पायलट ट्रेन की स्पीड कम नहीं करता तो भी ट्रेन अपने आप स्लो हो जाती है.
रायसेन जिले में भोपाल से करीब 125 किमी दूर बाड़ी-बरेली के पास छींद धाम है. इस मंदिर में बजरंगबली की दक्षिणमुखी मूर्ति स्थापित है, मान्यता है कि यहां दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. बताया जाता है कि किसान के खेत में यह प्रतिमा निकली थी, जिसे स्थापित कर भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया था. कहा जाता है यहां हनुमान जी ने साक्षात दर्शन दिए थे. हर साल यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं.
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