कुपोषण को लेकर शिवराज सरकार गंभीर, आंगनवाड़ियों को प्री-स्कूलों में बदलने का ऐलान
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कुपोषण को लेकर शिवराज सरकार गंभीर, आंगनवाड़ियों को प्री-स्कूलों में बदलने का ऐलान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुपोषण को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि कुपोषण के मामले में हम कई राज्यों से पीछे हैं. इसके लिए उन्होंने महिला एवं बाल विकास से कुपोषण खत्म करने का ऐलान किया है.

कुपोषण को लेकर शिवराज सरकार गंभीर, आंगनवाड़ियों को प्री-स्कूलों में बदलने का ऐलान

प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश में कुपोषण को खत्म करने के लाख प्रयास हुए लेकिन अब तक प्रदेश से कुपोषण खत्म नहीं हुआ है. आज सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुलकर मंच से कहा की कुपोषण के मामले में हम कई राज्यों से पीछे हैं. सीएम शिवराज ने आंगवाड़ी में प्री स्कूलिंग शुरू करने का ऐलान किया. साथ ही कहा कि महिला बाल विकास यह चैलेंज ले कि एक साल में कोई बच्चा अंडरवेट नहीं रहेगा. 

प्रदेश के माथे पर लगता है कुपोषण का कलंक
दरअसल राजधानी भोपाल मिंटो हॉल में मुख्यमंत्री शिवराज महिला बाल विकास के मैदानी कर्मियों को संबोधित करते बोलें, मुझे कुपोषण प्रदेश के माथे पर कलंक लगता है. कुपोषण को खत्म करने पर काम किया पर अभी हम कई राज्यों की तुलना में कुपोषण को काबू करने में हम पीछे हैं.

प्रदेशवासियों की रहती है चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं 18 घण्टे काम करता हूं. सवेरे से लेकर देर रात तक काम करता हूं. साढ़े आठ करोड़ प्रदेश वासियो की चिंता रुकने नहीं देती है. मैं हमेशा प्रदेश की जनता का भला करने के बारे में सोचता हूं. सीएम शिवराज ने कहा कि महिला एंव बाल विकास यह चैलेंज ले कि एक साल में कोई बच्चा अंडरवेट नहीं रहेगा.

आंगनवाड़ी में स्कूल की तर्ज पर दी जाएगी शिक्षा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुशा भाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में ऐलान करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी सिर्फ आंगनबाड़ी नहीं रहेगी. वहां प्री स्कूलिंग भी होगा. अब आंगनवाड़ियों में बच्चों को स्कूल की तर्ज शिक्षा देने का काम किया जाएगा. इसका बड़ा फायदा मध्य प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवार को होगा.

अनाथ बच्चों के लिए बढ़ा एलान
सीएम शिवराज ने पहले कोरोना के चलते माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना शुरू की थी. सीएम ने एलान किया है कि सेल्टर होम में रहने वाले बच्चों में जिनकी उम्र 18 साल हो गई है, उसकी पढ़ाई होने तक और रोजगार मिलने तक सरकार का आश्रय मिलता रहेगा.

बता दें कि सीएम शिवराजन ने ऐलान किया है कि हर साल महिला बाल विकास के मैदानी कर्मियों सम्मानित किया जाएगा. सम्मानित किए गए कर्मियों को 25-25 हजार रुपये दिए जाएंगे. इसके लिए जिला स्तर पर आंगनबाड़ियों की रैंकिंग की जाएगी, जिसके बाद उन्हें सम्मानित किया जाएगा.

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