शिवराज सरकार को समर्थन दे रहे का MLA राहुल प्रेम, भारत जोड़ो यात्रा का करेंगे वेलकम
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शिवराज सरकार को समर्थन दे रहे का MLA राहुल प्रेम, भारत जोड़ो यात्रा का करेंगे वेलकम

एमपी की शिवराज सरकार को समर्थन दे रहे एक विधायक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ''भारत जोड़ो यात्रा'' का समर्थन करने का ऐलान किया है. विधायक का कहना है कि वह मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का वेलकम करेंगे. 

शिवराज सरकार को समर्थन दे रहे का MLA राहुल प्रेम, भारत जोड़ो यात्रा का करेंगे वेलकम

प्रमोद शर्मा/भोपाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ''भारत जोड़ो यात्रा'' मध्य प्रदेश भी आएगी. लेकिन उनकी यात्रा से पहले प्रदेश की शिवराज सरकार को समर्थन कर रहे एक विधायक ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का वेलकम करेंगे. विधायक के इस बयान के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा है. बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश भी आएगी. 

निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा करेंगे राहुल गांधी का वेलकम
दरअसल, हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने राहुल गांधी की ''भारत जोड़ो यात्रा'' यात्रा का सर्मथन करने की बात कही है. उन्होंने कहा की वह बुरहानपुर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का वेलकम करेंगे. बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर से ही मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी. जबकि शेरा यही से विधायक हैं. 

अटकलों का बाजार गर्म
निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब बुरहानपुर पहुंचेगी तो वह उसका वेलकम करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका राहुल गांधी की यात्रा को पूरा सर्मथन है. दरअसल, उनके इस बयान के बाद प्रदेश के सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. क्योंकि निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने पहले कमलनाथ सरकार को भी समर्थन दिया था और वर्तमान में शिवराज सरकार को भी समर्थन दे रहे हैं, लेकिन उनके इस बयान के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि वह कांग्रेस भी ज्वाइन कर सकते हैं. 

दरअसल, सुरेंद्र सिंह शेरा पहले भी कांग्रेस में रह चुके हैं, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में उनकी जगह पार्टी ने किसी और को टिकट दे दिया. जिसके चलते उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी. जिसके बाद उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को सर्मथन दिया था, जबकि बाद में शिवराज सरकार बनने के बाद बीजेपी को सर्मथन दिया था.

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