डाकुओं की पहचान वाले चंबल में उठी बिजनेस कॉरिडोर बनाने की मांग, जानिए पूरा मामला
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डाकुओं की पहचान वाले चंबल में उठी बिजनेस कॉरिडोर बनाने की मांग, जानिए पूरा मामला

दिमनी के विधायक चंबल के युवाओं के लिए इंडस्ट्रियल और बिजनेस कॉरिडोर की मांग उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र को बिजनेस कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, क्योंकि चंबल लंबे समय से उपेक्षा झेलता रहा है.

डाकुओं की पहचान वाले चंबल में उठी बिजनेस कॉरिडोर बनाने की मांग, जानिए पूरा मामला

प्रदीप शर्मा/भिंडः अगर पूरे देश में अन्याय के खिलाफ बगावत करने की हिम्मत कहीं है तो चंबल के लोगों में है, लेकिन आज ये चंबल उपेक्षा की मार झेल रहा है. यहां की प्रगति के लिए अब बिजनेस कॉरिडोर बनाना आवश्यक हो गया है. यह मांग मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रवींद्र सिंह तोमर ने भिंड दौरे में कहीं. वह रौन क्षेत्र टेहनगुर में आयोजित दंगल आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे.

जानिए मामला
दरअसल दिमनी विधायक इन दिनों जहां भी जा रहे हैं. चंबल के युवाओं के लिए इंडस्ट्रियल और बिजनेस कॉरिडोर की मांग उठा रहे हैं. भिंड में टेहनगुर गांव में एक दंगल आयोजन के कार्यक्रम में शामिल होने आए दिमनी विधायक ने बताया कि वे बीते 15 वर्षों से हर वर्ष चम्बल इलाके के करीब एक सैकड़ा दंगल अटेंड करते हैं. इस बार उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. चंबल के विकास की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने विधानसभा में भी यह बात उठाई थी कि इस चंबल क्षेत्र में पचनदा समेत बहुत जमीन है. जहां पर उद्योग धंधे लगाये जा सकते हैं. इस क्षेत्र को बिजनेस कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, क्योंकि चंबल लंबे समय से उपेक्षा झेलता रहा है.

बिजनेस कॉरिडोर से मिलेगा रोजगार
उन्होंने सदन में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा चंबल में डकैत वाले बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि हमने चंबल में डकैतों का सफाया किया. कांग्रेस विधायक ने कहा कि चंबल में कभी डकैत नहीं हुए. अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की क्षमता अगर कहीं है तो चंबल घाटी के लोगों में है. उन्हें बागी कहा जा सकता है. लेकिन डाकू बदमाश नहीं. वहीं उन्होंने सरकारों को आमंत्रित किया है कि वे यहां इस चंबल क्षेत्र में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जिससे इस क्षेत्र के जिन युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती है वे प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर सके जो दूसरे राज्यों में जाकर छोटी छोटी नौकरियां करते हैं, अपने माता पिता की सेवा भी नहीं कर पाते और सही से अपना पेट भी नहीं भर पाते हैं. इसलिए भिंड, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया इस क्षेत्र में बहुत सी जगह हैं, जहां बिजनेस कॉरिडोर बनने से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और क्षेत्र की सुख समृद्धि भी होगी.

जानिए क्या कहा विधायक ने!
दिमनी विधायक का कहना है कि वे पिछले 15 वर्षों से इस बात को विधानसभा समेत कई जगहों पर उठा चुके हैं और अब इसे क्रांति के रूप में आगे बढ़ाना चाहते हैं. जिससे इस क्षेत्र की जनता का हित हो सके. विधायक रवींद्र सिंह ने अटल प्रॉग्रेस-वे पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके किनारे भी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रस्तावित तो किया है. लेकिन उसका समय निर्धारण तो होना चाहिए. चम्बल एक्सप्रेस वे का नाम बदल-बदल कर कई वर्ष निकाल दिये हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कोई विरोध नहीं है. लेकिन चम्बल कोई छोटा नाम नहीं है. अगर रखना ही था तो रामप्रसाद बिसमिल के नाम पर रख देते, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये. इसलिए ये नाम बदलने से नहीं होगा, एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ साथ बिजनिस कॉरिडोर का निर्माण भी जल्द से जल्द हो जाना चाहिए.

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