Damoh Conversion Case: विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने दमोह धर्म परिवर्तन के मामले में मिशनरियों की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
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महेंद्र दुबे/दमोह: दमोह में धर्मांतरण का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां बीते दिनों में दो अलग-अलग मामले पुलिस रिकार्ड में दर्ज हुए हैं. वहीं अब इन मामलों में नामजद ईसाई मिशनरियों से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं. शुक्रवार को दमोह के अस्पताल चौराहे पर विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल सहित अन्य हिन्दू संघठनों ने धरना दिया और आरोपियो के पुतले फूंके.बता दें कि प्रदर्शन कर रहे संगठन के लोगों का आरोप है कि पुलिस ने मामले दर्ज कर लिए, लेकिन आरोपियो की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है.
हिंदूवादी संगठनों में रोष
आपको बता दें कि दमोह के देहार थाने में 13 नवंबर को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Child Protection Commission) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो (Priyanka Kanungo) ने खुद प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था और आरोप था कि यहां की एक संस्था में एक बच्चे का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उसे पादरी बनाने की शिक्षा दी जा रही है. इसके बाद दमोह के मराहार में चल रही ईशु नाम की संस्था परधर्म परिवर्तन कराए जाने के आरोपों के साथ नाबालिग बच्चियों से संस्था के कर्मचारियों द्वारा छेड़छाड़ करने के आरोपों को पुलिस ने जांच में सही पाते हुए आठ लोगों पर 23 नवंबर को मामला दर्ज किया था. पुलिस ने दोनों मामलों में गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम किया है, लेकिन दोनों मामलों में एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.जिसे लेकर हिंदूवादी संगठनों में रोष बना हुआ है.
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मामला हो गया है गंभीर
बता दें कि आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संगठनों ने पुतला भी फूंका और गुस्सा जाहिर किया. इतना ही नहीं इन संगठनों ने दमोह के कलेक्टर,एसपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की है. मामला अब इसलिए भी गंभीर हो रहा है क्योंकि भाजपा नेता खुलकर ये बोलने से नहीं चूक रहे हैं कि दमोह में ईसाई मिशनरियों को राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त है. कांग्रेस और भाजपा के पूर्व मंत्री ने उन्हें संरक्षण दिया है,लेकिन अब यह सब नहीं चलेगा.