पुरानी संसद में साथ दिखे पुराने साथी, सोनिया गांधी के पास बैठे सिंधिया, क्या आपने देखी यह रोचक तस्वीर
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पुरानी संसद में साथ दिखे पुराने साथी, सोनिया गांधी के पास बैठे सिंधिया, क्या आपने देखी यह रोचक तस्वीर

आज पुरानी संसद भवन से नए संसद भवन में जाने से पहले कई रोचक तस्वीरें देखने को मिली. लेकिन एक तस्वीर ऐसी थी, जिसने मध्यप्रदेश की राजनीति से लेकर देश की राजनीति में अलग ही चर्चा पैदा कर दी.

पुरानी संसद में साथ दिखे पुराने साथी, सोनिया गांधी के पास बैठे सिंधिया, क्या आपने देखी यह रोचक तस्वीर

MP Assembly Election 2023: आज पुरानी संसद भवन से नए संसद भवन में जाने से पहले कई रोचक तस्वीरें देखने को मिली. लेकिन एक तस्वीर ऐसी थी, जिसने मध्यप्रदेश की राजनीति से लेकर देश की राजनीति में अलग ही चर्चा पैदा कर दी. दरअसल में कांग्रेस (Congress) की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) एक ही सीट पर अगल-बगल बैठे दिखाई दिए.  इस तस्वीर के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. 

बता दें कि आज संसद भवन के सेंट्रल हॉल में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे बढ़कर सबसे आगे बैठी सोनिया गांधी का अभिवादन किया. फिर सिंधिया ने सोनिया गांधी के पास खड़े अधीर रंजन चौधरी से भी बात की. 

सोनिया गांधी ने दी सीट 
कार्यक्रम शुरू होने से पहले सोनिया गांधी के साथ बैठे अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खरगे जब मंच पर चले गए, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी सीट से उठकर सोनिया गांधी की सीट पर आ गए और सोनिया गांधी ने अपनी सीट से खिसक कर सिंधिया को जगह दे दी. फिर क्या था फोटो वायरल हो गई और सियासी गलियारों में  इसकी खूब चर्चा शुरू हो गई. 

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क्या है गांधी और सिंधिया परिवार की केमिस्ट्री? 
देश की राजनीति में सिंधिया और गांधी परिवार के रिश्ते की कहानी तीन पीढ़ी पुरानी है. जिसकी पहली शुरुआत इंदिरा गांधी और विजयाराजे सिंधिया की दुश्मनी से हुई, लेकिन राजीव गांधी और माधवराव सिंधिया की दोस्ती ने इसमें नया रंग भर दिया. उसके बाद राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की दोस्ती मजबूत हुई.

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हालांकि ये सिंधिया साल 2018 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए और मौजूदा वक्त में ज्योतिरादित्य के सियासी रास्ते उनके पिता से अलग हो गए.  सिंधिया ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी की सरकार बनवा दी. हालांकि  राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. सियासत का रंग बदलने में ज्यादा देर नहीं लगती.  

वहीं सोनिया गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास बैठने वजह ये भी है कि सिंधिया और सोनिया गांधी दोनों ही राजनीति में काफी सीनियर हैं. सिंधिया अभी केंद्रीय मंत्री है, वहीं सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं. संसद में प्रोटोकॉल के मुताबिक सीनियर नेताओं को आगे बैठने की जगह दी जाती है.

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