भोपाल मध्य विधानसभा सीट से विधायक आरिफ मसूद ने आरोप लगाया कि सरस्वती शिशु मंदिर में संघ के लोगों को तैयार किया जाता है और संघ की विचारधारा को पढ़ाया जाता है.
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प्रमोद शर्मा/भोपालः गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाल ही में राज्य के मदरसों की पठन सामग्री की जांच की बात कही थी. अब इसे लेकर सियासी तकरार शुरू हो गई है. दरअसल गृह मंत्री के बयान पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मदरसों को टारगेट किया जा रहा है.
आरिफ मसूद ने भड़कते हुए कहा कि मदरसों की ही क्यों प्रदेश के सरस्वती शिशु मंदिरों की भी जांच होनी चाहिए. पता चलना चाहिए वहां क्या पढ़ाई चल रही है. मसूद ने आरोप लगाया कि 3 सालों से मदरसों को फंड नहीं मिला है. भोपाल मध्य विधानसभा सीट से विधायक आरिफ मसूद ने आरोप लगाया कि सरस्वती शिशु मंदिर में संघ के लोगों को तैयार किया जाता है और संघ की विचारधारा को पढ़ाया जाता है, इसलिए सिर्फ मदरसों को टारगेट ना किया जाए बल्कि सरस्वती शिशु मंदिरों की भी जांच होनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शैक्षिक शाखा विद्या भारती, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नामक स्कूलों के सबसे बड़े निजी नेटवर्क का संचालन करती है. माना जाता है कि विद्या भारती, भारत में करीब 30 हजार स्कूलों का संचालन करता है.
रविवार को मीडिया से बात करते हुए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि प्रदेश के कुछ मदरसों में आपत्तिजनक पढ़ाने की शिकायतें मिली हैं. इस तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मदरसों की पठन सामग्री की जांच जिला कलेक्टरों द्वारा कराई जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पठन सामग्री व्यवस्थित रहे.
गौरतलब है कि हाल ही में राज्य बाल संरक्षण आयोग ने दतिया समेत अन्य जिलों के मदरसों का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान आयोग ने दावा किया कि कुछ मदरसों में बच्चों को उर्दू पढ़ाई जा रही है. साथ ही कुछ मदरसों में आपत्तिजनक सामग्री भी पढ़ाई जा रही है. इन शिकायतों के बाद ही गृहमंत्री ने मदरसों के पाठ्यक्रम की जांच की बात कही है.