Madhya Pradesh High Court: भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर कल सुनवाई हो सकती है. वहीं, आज मोहन सरकार जबलपुर हाईकोर्ट में यूका के जहरीले कचरे को लेकर प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी. ऐसे में आज सबकी निजरें जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है.
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Union Carbide Waste: पीथमपुर में जब से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरा पहुंचा है. तब से यहां भारी बवाल देखने को मिल रहा है. भारी बवाल को देखते हुए को पुलिस-प्रशासन सख्ती पर उतर आया है. गलियों और मोहल्लों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. संयंत्र से सटे गांव तारपुरा के लोगों को चिह्नित कर उन्हें घरों में कैद कर दिया है. वहीं, आज जबलपुर हाईकोर्ट में मोहन सरकार कचरा भोपाल से पीथमपुर शिफ्ट करने के मामले में अब तक की प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी.
मोहन सरकार मांग सकती है समय
आज सबकी निगाहें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं. क्योंकि, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच आज इस मामले की सुनवाई करेगी. साथ आज मोहन सरकार भोपाल से पीथमपुर कचरा शिफ्ट करने के मामले पर अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी. पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध हो रहा है. इसलिए मोहन सरकार हाईकोर्ट से कुछ वक्त मांग सकती है. हाल ही में सीएस अनुराग जैन कह चुके हैं कि जनता की आम राय बनाकर कचरा जलाने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा जाएगा.
लिखकर दें नहीं होगा कोई नुकसान
उधर, एक याचिका नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भोपाल पीठ में भी दायर की गई है. इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव से यह लिखित वादा लेने की गुहार लगाई गई कि वे यह लिखकर दें कि कचरा जलाने से पीथमपुर के लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा. याचिकाकर्ता की तरफ से डिमांड की गई है कि सरकार को निर्देशित किया जाए कि वह कचरे को जलाने को लेकर जनता की चिंताओं को दूर करें. इसकी डिटेल जानकारी मीडिया में प्रकाशित करवाई जाए. इसके साथ ही याचिकाकर्ता की तरफ से राज्य सरकार के अधिकारियों से कचरे को जलाने से आस-पास के लोगों को कोई नुकसान नहीं होने का शपथ पत्र लेने का अनुराध किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में भी होगी सुनवाई
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर यूका के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने पर रोक लगाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि जहरीले कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाने का फैसला लेते समय पीथमपुर के लोगों से कोई सलाह या सहमति नहीं ली गई. पीथमपुर में रहने वालों को रेडिएशन का खतरा हो सकता है. यदि रेडिएशन हुआ तो पीथमपुर में चिकित्सा सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं. इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है.
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