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मनीष पुरोहित/मंदसौर: मंदसौर में नगर पालिका चुनाव में नाम वापसी के बाद भी भाजपा में बगावत रुकने का नाम नहीं ले रही है. अधिकांश वार्डों में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बागी प्रत्याशियों ने पर्चे नहीं उठाए हैं और मैदान में डटे हुए हैं. सबसे ज्यादा आक्रोश नगर पालिका अध्यक्ष रहे राम कोटवानी के खिलाफ है. यहां से राम कोटवानी के खिलाफ भाजपा के ही पूर्व पार्षद और नगर पालिका उपाध्यक्ष सुनील जैन महाबली ने पर्चा दाखिल कर दिया है. इसके अलावा राम कोटवानी के खिलाफ भाजपा के ही 4 और बागियों ने अपना पर्चा नहीं उठाया है.
बता दें कि इस प्रकार वार्ड नंबर-11 में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी राम कोटवानी सहित भाजपा के बागियों की संख्या 6 हो गई हैं, एक कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी और एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी है. कुल मिलाकर वार्ड नंबर-11 में कुल 8 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है.
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सभी ने कहा- मैं भाजपा का सिपाही
भाजपा के बागी नगरपालिका उपाध्यक्ष सुनील जैन महाबली का कहना है कि, मैं भाजपा का सिपाही हूं, मुझे भाजपा से कोई निष्काषित नहीं कर सकता है. वार्ड के मतदाताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं का आशीर्वाद मेरे साथ है. वहीं भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी नगर पालिका अध्यक्ष रहे राम कोटवानी का कहना हैं कि भाजपा ने मुझे अधिकृत किया है. भाजपा के कार्यकर्ताओं, वार्ड के मतदाताओं और नेताओं का आशीर्वाद मेरे साथ है.
सिर्फ वार्ड नंबर 11 ही नहीं अन्य वार्डों में भी ऐसी ही स्थिति है भाजपा के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ भाजपा के ही बागियों ने मैदान में डटे रहने का फैसला किया है. कांग्रेस से भाजपा में आए सिंधिया गुट के विजय गुर्जर भी अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा रहे हैं, उनका कहना हैं कि मैं जीता हुआ उम्मीदवार हूं.
बागियों का कोई वजूद नहीं
भाजपा विधायक और प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसोदिया का कहना हैं कि बागियों का कोई वजूद नहीं है. हमने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है. नगर परिषद भारतीय जनता पार्टी की ही बनेगी.
45 सालों से भाजपा का कब्जा
बता दें कि मंदसौर नगर पालिका पर पिछले 45 सालों से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी में बगावत हुई है. देखना होगा भारतीय जनता पार्टी अपने ही लोगों और कांग्रेस को परास्त कर फिर से नगरपालिका पर काबिज होती है.