एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की ताजा रिपोर्ट में मध्य प्रदेश का नाम महिला अपराधों में अव्वल आने पर पुलिस विभाग ने समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इसके बाज एमपी पुलिस की ओर से पुछले कुछ महीनों के अपनें कामों का आंकड़ा दिया गया.
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आकाश द्विवेदी/भोपाल: एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की ताजा रिपोर्ट पेश हो गई है. जिसमें मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश देश में अव्वल है. NCRB की रिपोर्ट आने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ( MP Police ) भी अपने आंकड़े पेश किए हैं, जिसमें महिला अपराधों में कमी बताई गई है. हालांकि पुलिस ने अपने पिछले 5 महीनों के कामकाज का हिसाब दिया है, जबकि NCRB की रिपोर्ट पिछले साल के आंकड़ों पर आई है.
पुलिस मुख्यालय में हुई बड़ी बैठक
अपराधों के नियंत्रण और निवारण के लिए पुलिस मुख्यालय में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता डीजीपी सुधीर सक्सेना ने की. समीक्षा बैठक में रेंज और जोन के अफसर वर्चुअली जुड़े. इसमें NCRB की रिपोर्ट को लेकर चर्चा हुई. इसके साथ ही अप्रैल 2022 से अगस्त 2022 महीने तक की अवधि में किये गए कार्यों पर भी चर्चा की गई.
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मंगलवार को मध्य प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक हुई इसके बाद पुलिस विभाग ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं
- एमपी में पिछले 5 महीने में महिला अपराधों में 3% की कमी
- अप्रैल से अगस्त के बीच महिला अपराधों में 3% की कमी आई
- हत्या सहित गंभीर अपराधों में 50 फीसदी की कमी आई
- हॉटस्पॉट क्षेत्रों में होने वाले अपराधों में 50 फीसदी की कमी आई
- 16.05 करोड़ की राहत राशि बांटी गई
क्या है NCRB की रिपोर्ट में
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में औसतन हर तीन घंटे में एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना घटती है. वहीं आदिवासी वर्ग और दलितों के खिलाफ अत्याचार में भी मध्य प्रदेश एक बार फिर देश में शीर्ष पर है. साल 2020 की तुलना में 2021 में एमपी में एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ अपराधों में 9.38 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
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बीजेपी कांग्रेस आमने सामने
एनसीआरबी की इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार के तमाम दावों और सुशासन की पोल खोलकर रख दी है. वहीं बीजेपी ने कहा है कि महिलाओं और बच्चियों में आत्मविश्वास बढ़ा है. इसकी वजह से विश्वास जागा है. इसलिए वे किसी भी घटना पर मुखर होकर थाने आती हैं. वे जानती हैं कि थाने आएंगे तो उनके साथ न्याय होगा.