मध्यप्रदेश के मंदसौर के अफीम किसान इन दिनों नीलगायों(घोड़ारोज) से काफी परेशान हैं. नीलगाय झुंड बनाकर अफीम के खेतों पर धावा बोलती है और पलक झपकते ही फसलों को बरबाद कर चट कर जाती है. किसानों के अनुसार अफीम की फसल में नशा होता है.
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मनीष पुरोहित/ मंदसौर: मध्यप्रदेश के मंदसौर के अफीम किसान इन दिनों नीलगायों(घोड़ारोज) से काफी परेशान हैं. नीलगाय झुंड बनाकर अफीम के खेतों पर धावा बोलती है और पलक झपकते ही फसलों को बरबाद कर चट कर जाती है. किसानों के अनुसार अफीम की फसल में नशा होता है. जिसकी नीलगाय शौकीन है और इसी लत के चलते नीलगाय इन फसलों पर धावा बोलने की ताक में रहती है.
खेतों में बनाई जा रही बाउंड्री
नीलगाय (घोड़ा रोज) से फसलों को बचाने के लिए किसान तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. खेतों के चारों तरफ तार की बाउंड्री बनाई जा रही है. जालियां लगाई जा रही है, यहां तक की पुरानी साड़ियों से खेतो को बॉर्डर बनाकर ढंका भी जा रहा है लेकिन उसके बावजूद किसानों को 24 घंटे अपनी फसलों की रखवाली करनी पड़ती है. किसान मांग कर रहे हैं कि नीलगाय पर काबू पाने के लिए सरकार कोई ठोस कदम उठाए. ताकि किसानों को इस नुकसान से बचाया जा सके.
अफीम का नशा पसंद है
किसान इस्माइल कहते है कि नीलगायों का आतंक है. झुंड बनाकर नीलगायें खेत में घुस आती है और फसलों को नुकसान पहुंचाती है. दूसरी फसलों की तुलना में अफीम की फसल नशे की वजह से इन गायों को सबसे ज्यादा पसंद होती है. इसलिए यह इसमें सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है और फसल को बरबाद कर देती है. इसीलिए हमने यहां बाउंड्री बनाई है और रखवाली भी कर रहे है.
सरकार इसे पकड़े
किसान बाबू मांग कर रहे है कि सरकार को कोई उचित कदम उठाना चाहिए. इन नीलगाय को पकड़ना चाहिए और यहा से हटाना चाहिए. हमने खेत के चारो तरफ जालियां लगाई है और पुरानी साड़ियां भी बांधी है. ताकि नीलगाय इन फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा सके.