Sawan Vinayak Chaturthi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार सावन की पहली विनायक चतुर्थी श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है. इस साल सावन की विनायक चतुर्थी पर रवि योग बन रहा है. विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा दिन में की जाती है. आइए जानते हैं सावन की पहली विनायक चतुर्थी पर गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त और उपाय...
विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा दिन में की जाती है. आइए जानते हैं सावन की पहली विनायक चतुर्थी पर गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय...
21 जुलाई को सावन की पहली विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी. विनायक चतुर्थी को 21 दूर्वा भगवान गणेश को अर्पित की जाती हैं इसलिए इसे दूर्वा गणपति व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
विनायक चतुर्थी के दिन भद्रा रात 08 बजकर 12 मिनट से लगेगा , जो अगले दिन 22 जुलाई को सुबह 05 बजकर 37 मिनट तक रहेंगे . इस बार भद्रा का वास पृथ्वी लोक में हैं. कहते है कि भद्रा के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.
21 जुलाई को विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त दो घंटे 45 मिनट से शुरू होगा. इस दिन गणेश पूजा का शुभ समय सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 50 मिनट तक का है. इस दिन लाभ-उन्नति मुहूर्त और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त भी है.
श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जुलाई को प्रात:काल में 06 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी और यह तिथि 22 जुलाई को सुबह 09 बजकर 26 मिनट तक चलेगी.
हिंदू धर्म में सावन मास की विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है. इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा अर्चना और व्रत करने से ऐश्वर्य, बुद्धि, सुख-शांति की प्राप्ति होती है.
कहते है कि अधिकमास की विनायक चतुर्थी पर किए गए व्रत, पूजा पाठ व दान का फल बहुत ज्यादा मिलता है. ये सभी चीज करने से भगवान गणेश खुश होकर भक्त की सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं.
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