Advertisement
trendingPhotos/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2636346
photoDetails1mpcg

मरने के बाद लाखों का राशन हजम कर गए हजारों लोग, प्रशासन की जांच में खुलासा

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां लाखों रुपये का राशन ऐसे लोग खा गए, जिनकी मौत सालों पहले हो चुकी है. यह खुलासा सरकारी जांच में हुआ है. सवाल उठता है कि लाखों का राशन आखिर गया कहां?

हर महीने 7.79 लाख रुपए का राशन

1/7
हर महीने 7.79 लाख रुपए का राशन

ग्वालियर जिले में 4 हजार 841 लोग ऐसे हैं, जो मरने के बाद भी हर महीने 7.79 लाख रुपए का राशन खा रहे हैं. इसका खुलासा स्वयं प्रशासन द्वारा की गई जांच में हुआ है. 

जांच में खुलासा

2/7
जांच में खुलासा

प्रशासन की जांच में सामने आया कि सरकारी दुकानों से कई परिवार ऐसे लोगों का भी राशन ले रहे हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. अकेले ग्वालियर में ऐसे लोगों की संख्या 5227 है, जिनमें लगभग 4,841 प्राथमिकता कार्ड वाले परिवार हैं. 

एक सदस्य को 161 रुपए

3/7
एक सदस्य को 161 रुपए

इनके एक सदस्य को 161 रुपए का तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल मिलता है. इस हिसाब से हर महीने ग्वालियर में ही 7,79,401 रुपए कीमत का 242 क्विंटल गेहूं-चावल का नुकसान विभाग उठा रहा है.

आधार निरस्त

4/7
आधार निरस्त

UIDAI ने मप्र के 3.13 लाख मृतकों के आधार निरस्त किए हैं और इसकी सूची राज्य शासन को भेजी थी. अब इसको जिलों मे भेजा गया तो यह राशन घोटाला उजागर हुआ, जबकि सदस्य संख्या की समीक्षा नियमित तौर पर खाद्य विभाग को करना चाहिए.

फर्जीवाड़ा

5/7
फर्जीवाड़ा

सबसे बड़ी बात ये है कि पीडीएस का यहा फर्जीबाड़ा सिर्फ ग्वालियर ही नहीं बल्कि पूरे ग्वालियर चंबल संभाग मे हो रहा है. इन जिलों में लगभग 25 हजार ऐसे लोग नियमित राशन ले रहे हैं, जिन्हे मरे हुए अरसा बीत गया है. 

जिम्मेदार

6/7
जिम्मेदार

इस संबंध में जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने राशन कार्डधारकों की सूची को दुकानवार छांटकर दे दी है. इसमें सत्यापन कराया जा रहा है कि किस घर का कौन सदस्य मृत हो गया है, उनका नाम पोर्टल से हटा देंगे. 

कार्रवाई

7/7
कार्रवाई

श्रीवास्तव का कहना है कि सूची में 5227 लोग हैं जिनमें से अब तक 300 लोगों के नाम सत्यापन के बाद पोर्टल से हटा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी परिवार अपने यहां मृत व्यक्ति की जानकारी नहीं देता. यह खुलासा भी आधार निरस्त होने के कारण हुआ है. अब हम इनको जल्द ही पोर्टल से हटा देंगे.