bhopal news: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित ऐतिहासिक इकबाल मैदान की कहानी काफी दिलचस्प है. इस मैदान के साथ कई कहानियां भी जुड़ी हुई हैं. इस मैदान में कभी किताबों का खजाना भी पाया जाता था. चलिए जानते है इस दिलचस्प मैदान के बारे में.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कई पुराने और एतिहासिक स्मारक आज भी मौजूद हैं. सालों पुराने इन स्मारकों के साथ कई कहानियां भी जोड़ी जाती हैं. आज यह स्मारकें इतिहास के कई पन्ने खोल सभी को हैरान करती हैं.
भोपाल का इकबाल मैदान भी अपनी कहानियों के लिए काफी फेमस है. इकबाल मैदान का नाम मशहूर शायर अल्लामा इकबाल के नाम पर रखा गया है. कहते हैं कि एक समय पर यहां किताबों का खजाना हुआ करता था.
इकबाल मैदान के बेसमेंट मे लाइब्रेरी हुआ करती थी जहा पर कई तरह के किताबें रखी हुआ करती थीं, इसलिए इस जगह को किताबों का खजाना भी कहा जाने लगा. लगभग चार साल पहले पानी भरने के कारण लाइब्रेरी को दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया है.
शायरी के शैकिन लोग, अल्लामा इकबाल से अच्छे तरह से परिचित होंगे. इनकी शायरियां देश भर में मशहूर है. बताया जाता है कि, अल्लामा इकबाल चार बार भोपाल आए थे और उन्होंने भोपाल में लगभग छह महीने भी बिताए हैं. इसी वक्त इकबाल ने ऐसी शायरियां रची थी जो आज भी लोगों को अपना दीवाना बना देती है.
इस मैदान के पास सदर मंजिल में दरबार लगा करता था जहां रियासत के दौर के कई अहम फैसले लिए जाते थे. पहले यह नगर निगम का मुख्यालय हुआ करता था जिसे हाल ही में रिनोवेट किया गया है.
कभी इस मैदान में जाने के लिए कई द्वार पार करने पड़ते थे अब यह मैदान सिर्फ़ एक द्वार तक ही सिमट गया है. फिर भी अल्लामा इकबाल की यादों को ताजा रखने के लिए मैदान की बाउंड्री पर इकबाल की शायरी दर्ज की गई है.
इकबाल मैदान के आसपास शौकत महल, सदर मंजिल, शीशमहल और रियाज मंजिल इमारतें मौजूद हैं जो इकबाल मैदान की पहचान को मिटने नहीं देती हैं.
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