Ganesh Chaturthi Visarjan: गणेश जी को धूमधाम से लेकर आने के बाद उनकी 10 दिनों तक विधि-विधान से पूजा की जाएगी. जिसके बाद उन्हें जल में विसर्जित किया जाएगा. ऐसे में आपको गणेश जी को विसर्जित करते समय इन गलतियों को भूल से भी नहीं करना चाहिए.
गणेश चतुर्थी के दिन नाच-गाने के साथ विधि-विधान से बप्पा को घर में लाया जाता है. उसी तरह से गणेश विसर्जन को भी विधि-विधान से करने पर घर में खुशियां आने के साथ बप्पा का आशीर्वाद भी बना रहता है.
गणेश विसर्जन करते समय इन छह नियमों को ध्यान में रखकर विसर्जित करना शुभ माना जाता है. पं. सर्वेश शास्त्री के अनुसार इन नियमों का पालन नहीं करने पर कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है. जानें कौन से है वो छह नियम.
पंडालों के अलावा कई घरों में गणपती को विराजित किए गए हैं. कई लोग अनजाने में गणेश जी को स्थापित करने के छह से सात दिनों में ही विसर्जित कर देते हैं. लेकिन मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन ही भगवान गणेश जी को विसर्जित करना चाहिए.
बप्पा को विसर्जित करते समय उनको चढ़ाया हुआ नारियल आपको फोड़ना नहीं चाहिए. इस नारियल को आप बप्पा के साथ ही नदी या जल में बहा दें.
गणेश भगवान को नदी में विसर्जित करते समय उनकी मूर्ति को कभी भी झटके से पानी में नहीं छोड़े. बताया जाता है कि गणेश जी की प्रतिमा को आराम से नदी या पानी में छोड़ना चाहिए.
अगर आप गणेश जी को अपने घर पर ही विसर्जित कर रहे हैं. तो ध्यान रखें उनकी मूर्ति के आकार से बड़े आकार का पात्र लें. इसके बाद धीरे-धीरे बप्पा की प्रतिमा के विसर्जन की प्रक्रिया करें.
आप जिस पानी में गणेश जी को विसर्जित कर रहें हैं. उस जल को बाहर कहीं इधर-उधर नहीं फेंके. इस जल को आप किसी गमले या पेड़ की जड़ में डाल सकते हैं.
हिंदू धर्म में माना जाता है कि अगर आप गणपति को विसर्जित करने जा रहे हैं तो आपको इस पर्व के दौरान भूल से भी काले रंग के कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए.
(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले धार्मिक जानकारों की सलाह जरूर लें)
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