Mangalwar Upay: हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से दुखों का नाश होता है और शनि की छाया भी नहीं पड़ती. इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना और उनकी आरती करना बहुत शुभ माना जाता है. अगर कोई भक्त पूजा के बाद आरती नहीं करता है तो उसे अधूरा माना जाता है.
मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है. मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति मंगलवार के दिन अंजनीपुत्र की पूजा करता है उसके सभी कष्ट भगवान राम के भक्त हनुमान हर लेते हैं.
पूजा के दौरान हनुमान जी को सिंदूर जरूर चढ़ाएं. क्योंकि हनुमान जी को सिंदूर बहुत प्रिय है. इसके अलावा इस दिन बजरंगबली की पूजा के बाद आरती भी जरूर करें. अगर कोई भक्त पूजा के बाद आरती नहीं करता है तो उसे अधूरा माना जाता है. आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ.रुचिका अरोड़ा से जानते हैं हनुमान जी की आरती.
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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