Tourist Place in Mandu: मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित मांडू अपने ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है. ऐतिहासिक के शौकीन और नेचुरल लवर के लिए मांडू में घूमने लायक कई जगह है. जानते हैं उन जगहों के बारे में---
मध्य प्रदेश आपको कभी न भूलने वाला एहसास देता है. वैसे तो प्रदेश में घूमने के लिए जगह हैं, लेकिन मांडू की बात ही कुछ ही कुछ और है. प्राचीन शहर मांडू मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित है. 13वीं सदी में सुल्तानों ने मांडू का नाम शादियाबाद यानी 'खुशियों का शहर' रखा था. मांडू की नेचुरल ब्यूटी में खो जाएंगे.
16वीं शताब्दी में राजा बाज़ बहादुर ने अपनी प्यारी रानी रूपमती के लिए रानी रूपमति का महल का निर्माण कराया था. ये महल रानी रूपमती और राजा बाज़ बहादुर की प्रेम कहानी के लिए जाना जाता है. साथ ही इस महल की खूबसूरत वास्तुकला और शानदार नज़ारों देखने लायक होते हैं.
लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया जहाज महल अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. इस तीन मंजिला महल में कई कमरे, हॉल और आंगन है. जहाज महल के सामने एक बेहद खूबसूरत झील है, जो महल की सुंदरता को और भी बढ़ा है.
नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर मांडू के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. इस का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था. यह मंदिर अपनी नक्काशी और भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है.
इस मकबरा का निर्माण मालवा के सुल्तान होशंग शाह ने 15वीं शताब्दी में कराया था. लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया ये मकबरा बेहद ही सुंदर है. मकबरे के चारों ओर चार मीनारें हैं, जो इस मकबरे के खूबसूरती को और भी बड़ा देती है.
इस मस्जिद में पांच मेहराबदार दरवाजे हैं, जो मस्जिद के प्रवेश द्वार के रूप में काम करते हैं. सुल्तान गियसउद्दीन खिलजी ने इस मस्जिद का निर्माण 15वीं शताब्दी में कराया था. मस्जिद के अंदर एक विशाल आंगन है जो स्तंभों से घिरा हुआ है.
लोहानी गुफाएं का निर्माण पत्थरों को काटरक बनाई गई गुफाओं का समूह है. ऐसा कहा जाता है कि पहले शैव योगियों यहां निवास किया करते थे.
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