Narmadapuram News: मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर आज नर्मदा नदी के सेठानी घाट समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. लाखों श्रद्धालुओं ने नर्मदा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पितरों के पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन दान करने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी आदि का दान करना शुभ माना जाता है.
आज माघ मास की अमावस्या है. इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है. मौनी अमावस्या पर्व पर श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए सेठानी घाट सहित मां नर्मदा के अन्य घाटों पर पहुंच रहे हैं.
मौनी अमावस्या को पितृ पर्व माना जाता है. कहते हैं कि इस दिन पुण्य कर्म, दान आदि से पितर तृप्त होते हैं. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है.
शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या पर नर्मदा, गंगा, सिंधु, कावेरी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं. इस दिन लाखों श्रद्धालु मां नर्मदा में डुबकी लगाने के लिए एकत्रित होते हैं.
हिंदू धर्म में माघ महीने को बहुत पवित्र माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन से द्वापर युग की शुरुआत मानी जाती है. इस अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने नर्मदा के अलग-अलग घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं.
इस दिन दान करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कंबल, गर्म कपड़े, काले कपड़े, जूते आदि का दान करना चाहिए.
ऐसा भी माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहना भी शुभ होता है. मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने की प्रथा सदियों से चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन मौन रहने से विशेष ऊर्जा मिलती है.
ऐसा माना जाता है कि इस अमावस्या पर दरिद्रता का नाश होता है और सफलता भी मिलती है. मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान का बहुत महत्व माना जाता है.
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