Mahakal Corridor: बाबा महाकाल की नगरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचने वाले हैं. पहले नवंबर माह में प्रधानमंत्री का प्रस्तावित दौरा होना था लेकिन अब वह 11 अक्टूबर को उज्जैन आ रहे हैं. उज्जैन की नगरी में वे महाकाल महाराज मंदिर के पहले चरण के कार्यो का लोकार्पण करेंगे. प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण के बाद आम जन के लिए कॉरिडोर खोला जाएगा.
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राहुल सिंह राठौड़/ उज्जैन: महाकाल महाराज मन्दिर परिसर विस्तार योजना के पहले चरण के कार्यों का जिला अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया जिसके बाद जिला कलेक्टर आशीष सिंह की मौजूदगी में एक बैठक हुई. इस बैठक में कार्यो को लेकर समय-सीमा तय की गई. उसमें कहा गया कि सभी काम लगभग पूर्णता की ओर हैं लेकिन जो बचे हैं उन्हें जल्द पूरा किया जाए. अक्टूबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महाकाल बाबा के दर्शन व पहले चरण के कार्यो का लोकार्पण होना प्रस्तावित है. इसके बाद आम जन के लिए मंदिर का नवनिर्मित कॉरिडोर खोल दिया जाएगा.
752 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा कॉरिडोर
ज्ञात रहे प्रधानमंत्री 752 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहे महाकाल महाराज मंदिर विस्तारीकरण के पहले चरण के करीब 300 करोड़ से अधिक की राशि से किए गए कार्यो का लोकार्पण करने पहुंचेंगे जहां वे दौरे कार्यक्रम के दौरान विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और वैदिक एप की लॉन्चिंग भी कर सकते हैं और जन सभा को संबोधित भी कर सकते हैं.
निरीक्षण के दौरान दिए गए दिशा निर्देश
जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने श्री महाकाल महाराज मन्दिर परिसर विकास योजना के पहले चरण के तहत रूद्र सागर-1 में किये जा रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और कहा कि उक्त सभी निर्माण कार्य पूर्णता की ओर हैं और आने वाले समय में इनका लोकार्पण किया जाना है. महाकाल कॉरिडोर में किये जाने वाले वृक्षारोपण में यह ध्यान रखा जाये कि लगाये जाने वाले पेड़ सुन्दर तो हो हीं, दर्शनार्थियों को इससे भविष्य में छाया भी मिल सके.
इन सुविधाओं से लैस होगा कॉरिडोर
कलेक्टर ने त्रिवेणी संग्रहालय से लेकर लोटस पोंड, प्रवेश द्वार, कॉरिडोर एवं कॉरिडोर जहां पर समाप्त होता है, उस स्थान पर बनाये जा रहे पार्किंग क्षेत्र, धर्मशाला, प्लाजा का निरीक्षण किया. उन्होंने बनाये जाने वाले मार्केट में समस्त सुविधाएं विकसित करने, कॉरिडोर एवं प्रवेश के अन्य स्थानों पर पेयजल के लिये स्थान चिन्हित करने के निर्देश भी दिये हैं. पहले चरण के कार्यों के खुलते ही हरिफाटक ब्रिज की चौथी भुजा से आकर श्रद्धालु जैसे ही त्रिवेणी संग्रहालय पहुंचेंगे, उन्हें बाबा महाकाल के आंगन के अलौकिक दर्शन होंगे.
पहले चरण में हुए ये काम
श्री महाकाल महाराज क्षेत्र विकास योजना के पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे जोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है. महाकाल कॉरिडोर के तहत प्रथम घटक में पैदल चलने हेतु उपयुक्त 200 मीटर लंबा मार्ग बना दिया गया है. इसमें 25 फीट ऊंची एवं 500 मीटर लंबी म्यूरल वाल बनाई गई है. यही नहीं, 108 शिवस्तंभ शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हो चुके हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं. लोटस पोंड, ओपन एयर थिएटर तथा लेकफ्रंट एरिया और ई-रिक्शा व आकस्मिक वाहनों हेतु मार्ग भी लगभग पूर्ण हो चुके हैं. बड़े रूद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा जायेगा और यह सुनिश्चित किया गया है कि इस झील में गन्दा पानी बिल्कुल न मिलने पाए.
कोबल्ड स्टोन की रोड क्रॉसिंग के जरिये पदयात्रियों की कनेक्टिविटी विकसित
महाकाल थीम पार्क के अन्तर्गत महाकालेश्वर की कथाओं से युक्त म्यूरल वाल, सप्त सागर हेतु डेक एरिया तथा डेक के नीचे शापिंग क्षेत्र, बैठक क्षेत्र सुविधाएं विकसित की गई है. इसी तरह त्रिवेणी संग्रहालय के समीप कार, बस व दोपहिया वाहन की मल्टीलेवल पार्किंग बन चुकी हैं. इस क्षेत्र में धर्मशाला व अन्नक्षेत्र भी बनाये जा रहे हैं. कोबल्ड स्टोन की रोड क्रॉसिंग के जरिये पदयात्रियों की कनेक्टिविटी विकसित की गई है. इन सभी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करेंगे.
जानिए वैदिक घड़ी की खास बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल की नगरी के दौरे कार्य्रकम के दौरान विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और वैदिक एप की लॉन्चिंग भी कर सकते हैं. घड़ी की ख़ास बात यह कि घड़ी ग्रीनविच पद्धति व हिन्दू कालगणना के समय अनुसार लख़नऊ के एक व्यक्ति द्वारा तैयार कर दी गई है जो 24 नहीं 30 घंटे की होगी. वहीं, विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की नगरी अवंतिका में जून माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा कार्यक्रम तय हुआ था जो चुनाव के चलते रद्द हो गया था. अब दोबारा ये कार्यक्रम अक्टूबर माह में प्रस्तावित हुआ है जिसमें प्रधानमंत्री 752 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहे महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के पहले चरण के करीब 300 करोड़ से अधिक की राशि से किए गए कार्यो का लोकार्पण करने पहुंचेंगे. वे जन सभा को संबोधित भी कर सकते हैं.
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