MP News: मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) ने चुनावी साल (Election Year) में विधायक निधी (MLA Fund) में कटौती कर दी है. इससे विधायकों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि, सरकार ने स्वेच्छानुदान की राशि बढ़ा दी है.
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MP News: भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 (Assembly Elections 2023) से पहले शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे विधायकों की चिंता बढ़ गई है. अब MLA इस सोच में हैं कि वे जनता के बीच जाते हैं तो उनके कामों का निपटारा कैसे करेंगे. सरकार ने इस साल विधायक निधी में कटौती कर दी है, इससे नेताओं को क्षेत्र अपने स्तर पर कराने वाले छोटे मोटे कामों में समस्या हो सकती है. ऐसा होने पर उनसे जनता नाराज भी हो सकती है.
विधायक निधि काटी स्वेच्छानुदान बढ़ाया
विधायकों को मिलने वाली विधायक निधि उनके खातों में भेजी जा चुकी है. जो ढ़ाई करोड़ की जगह सवा दो करोड़ ही है. हालांकि, सरकार ने विधायक निधि में कटौती के बाद स्वेक्षानुदान राशि 25 लाख रुपये बढ़ा दी है. यानी इस साल स्वेक्षानुदान के लिए खाते में 50 लाख की जगह 75 लाख रुपये भेजे गए हैं. इससे थोड़ी राहत तो मिली है. लेकिन, विधायकों चिंता बड़े कामों को लेकर बढ़ गई है.
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हुई थी एकमुश्त विधायक निधि की मांग
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक हरिशंकर खटीक ने विधायकों के लिए एकमुश्त विधायक निधि की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हमारी मांग है कि विधायकों को एकमुश्त विधायक निधि दी जाए. इससे चुनाव में फायदा होगा. नेता अपने क्षेत्र के कुछ छोटे मोटे कामों को करा सकेंगे.
क्यों बढ़ी विधायकों की चिंता
विधायकों के लिए विधायक निधि के रूप में ढाई करोड़ रुपये रुपये का प्रावधान है जो उन्हें हर साल दिया जाता है. इससे वो अपने स्तर पर अपने क्षेत्र के छोटे-मोटे विकास कार्य करा पाते हैं और लोगों को अनुदान मद से अनुदान दे पाते हैं. इसी कारण चुनावों से पहले इसकी और ज्यादा जरूरत बढ़ जाती है. लेकिन, सरकार के इस फैसले से विधायकों की चिंता बढ़ गई है.