शासकीय शिक्षक की ड्यूटी के दौरान हुई मौत, छुट्टी का आवेदन न लिखते तो बच जाती जान!
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शासकीय शिक्षक की ड्यूटी के दौरान हुई मौत, छुट्टी का आवेदन न लिखते तो बच जाती जान!

उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील क्षेत्र अंतगर्त शासकीय उत्कृष्ट उमा विद्यालय में उस दौरान सब चिंता में पड़ गए जब अचानक एक शिक्षक की तबियत बिगड़ गई.

शासकीय शिक्षक की ड्यूटी के दौरान हुई मौत, छुट्टी का आवेदन न लिखते तो बच जाती जान!

राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील क्षेत्र अंतगर्त शासकीय उत्कृष्ट उमा विद्यालय में उस दौरान सब चिंता में पड़ गए जब अचानक एक शिक्षक की तबियत बिगड़ गई. आनन फानन में शिक्षक को 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. 

इस मामले में उत्कृष्ट उमा विद्यालय के प्रभारी किशोर परमार ने पुष्टि कि और बताया कि प्रेम सिंह डाबी के द्वारा तबीयत बिगड़ने पर छुट्टी मांगी गई थी. जिस पर नियमानुसार मेरे द्वारा उनसे लिखित में देने को कहा गया. वह एक अन्य शिक्षक के साथ कार्यालय के बाहर गए और अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. जहां से उनको अस्पताल ले गए और कुछ देर बाद मैसेज आया कि वह नहीं रहे.

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दरअसल पांचवी एवं आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पूरी होने के बाद मूल्यांकन का कार्य शुरू हुआ है. जिसके तहत महिदपुर विकासखंड में भी बच्चों की कॉपी जांचने के शिक्षकों की ड्यूटी अलग-अलग स्कूलों में लगी है. इसी क्रम में महिदपुर के उत्कृष्ट उमा विद्यालय में प्रेम सिंह डाबी जो कि गोगापुर शासकीय स्कूल में पदस्थ थे, उनकी ड्यूटी लगाई गई थी. जहां उनकी तबीयत बिगड़ गई. 

सीसीटीवी में कैद
जिसके बाद  शिक्षक ने  प्रभारी से छुट्टी मांगी तो प्रभारी ने लिखित में एप्लीकेशन मांगी. वह लिखित में कार्यालय के बाहर लेटर लेने गए इतने में उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल ले जाते वक्त मृत्यु हो गई. शिक्षक की तबीयत बिगड़ने का CCTV अब सामने आया है. बता दें कि अगर शिक्षक एप्लीकेशन लिखने में अपना समय नहीं लगाते और सही समय पर अस्पताल पहुंच जाते तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी.

3 दिन पहले मांगी थी छुट्टी
बताया जा रहा है कि मृतक शिक्षक ने अपनी तबीयत खराब होने का आवेदन 3 दिन पहले दिया था. वहीं इसे लेकर जब स्कूल प्रभारी किशोर परमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये मेरे कार्यक्षेत्र के बाहर है. तो छु्ट्टी का आवेदन मेरे पास आने का कोई कारण नहीं बनता.

 

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