New Year Party Liquor License: मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार शराब प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आई, लेकिन खुद परेशानी में पड़ती दिख रही है. आबकारी विभाग ने नए साल के चलते शराब लाइसेंस को लेकर बड़ा फैसला लिया तो प्रदेश में साधु संतो ने सरकार के खिलाफ हंगामा बरपा दिया.
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Liquor License In Madhya Pradesh: एक तरफ मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार नई आबकारी नीति 2023-24 (Excise Policy 2023-24) पर काम कर रही है. दूसरी तरफ सरकार नए साल में कोई खलल ना पड़े इसलिए शराब प्रेमियों के लिए खुशखबरी लेकर आई. आबकारी विभाग ने शराब लाइसेंस को लेकर बड़ा फैसला लिया और एक दिन के लिए शराब पार्टी लाइसेंस देने की घोषणा कर दी. अब नए साल में दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए घर पर भी शराब पीने में कोई परेशनी नहीं होगी. सरकार का कहना कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए शराब पार्टी लाइसेंस दिया गया है, लेकिन इसपर साधु संतो ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पहले ये समझिए क्या होता है शराब पार्टी लाइसेंस.
क्या है शराब पार्टी लाइसेंस
इसमें सरकार द्वारा लोगों को नई साल की हाउस पार्टी के लिए 500 रुपये में एक दिन का लाइसेंस दिया जाएगा, जिसमें आप चार से अधिक शराब की बोतल खरीद सकते हैं, जिससे लोग घर बैठे अपने दोस्तों के साथ हाउस शराब पार्टी का मजा ले सकते हैं . इसके अलावा मैरिज गार्डन और हॉल के लिए 5 हजार रुपये तो वहीं रेस्तरां के लिए 10 हजार रुपये में लाइसेंस मिल सकेगा. हालाकिं ये लाइसेंस सिर्फ एक दिन के लिए होगा.
साधु संतो ने बरपाया हंगामा
साधु संतो ने सरकार के शराब पार्टी लाइसेंस पर हंगामा कर दिया. उनका कहना कि ये फैसला समाज को भ्रमित करेगा कि एक तरफ तो शिवराज सरकार शराब पर पूरी तरह रोक लगाने की बात करती है और अब सरकार लोगों को शराब पार्टी का लाइसेंस दे रही है. इससे बहिन बेटियों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. आज युवा पीढ़ी को नशे से बाहर निकालने की जरुरत है और शिवराज सरकार उल्टा नशा आसानी से परोसने का काम कर रही है. संत डॉक्टर अवधेस पुरी महाराज का कहना कि घरों में रहने वाली माता बहनों पर इस ऐलान से बुरा प्रभाव पड़ेगा. केवल आबकारी विभाग अधिक पैसा कमा लें, इसके लिए नई पीढ़ी के साथ और समाज के साथ, माता बहनों के साथ खिलवाड़ ना करे.
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यह फैसला अन्याय पूर्ण हैं. हम समाज को गलत दिशा में ले जा रहे हैं. मुझे घोर आश्चर्य है एक तरफ तो मुख्यमंत्री नशा मुक्ति के लिए शपथ दिला रहे हैं. दूसरी तरफ आबकारी अधिकारियों के कहने पर सीएम हाउस पार्टी लाइसेंस दे रहे हैं . आखिर इन अधिकारियों के कहने पर सीएम भ्रमित कैसे हो सकते हैं. 500 रुपये में घर में शराब पार्टी के लिए लाइसेंस देने का आदेश सीएम कैसे दे सकते हैं. इस पर सीएम को गंभीरता से विचार करना चाहिए . यह फैसला जनहित में नहीं हो सकता.
भाजपा ने किया समर्थन
हाउस शराब पार्टी लाइसेंस पॉलिसी का भाजपा ने खुला समर्थन किया हैं. उनका कहना कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग एक जगह एकत्रित न हो, इसलिए हाउस शराब पार्टी लाइसेंस दिया गया हैं. वहीं बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा कि कांग्रेसियों के बाहर सड़कों पर शराब पीकर हुड़दंग मचाने पर लगाम लगेगी.